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1134 करोड़ रुपये के बागवानी प्रोजेक्‍ट को बचाने के लिए अधिकारियों ने दी आठ दलीलें, पढ़ें खबर

बागवानी प्रोजेक्ट की राशि खर्च न करने को लेकर हिमाचल सरकार ने विश्व बैंक की टीम के पास आठ दलीलें दी हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 03:18 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 03:18 PM (IST)
1134 करोड़ रुपये के बागवानी प्रोजेक्‍ट को बचाने के लिए अधिकारियों ने दी आठ दलीलें, पढ़ें खबर
1134 करोड़ रुपये के बागवानी प्रोजेक्‍ट को बचाने के लिए अधिकारियों ने दी आठ दलीलें, पढ़ें खबर

शिमला, जेएनएन। बागवानी प्रोजेक्ट की राशि खर्च न करने को लेकर हिमाचल सरकार ने विश्व बैंक की टीम के पास आठ दलीलें दी हैं। इस कारण 1134 करोड़ रुपये का यह प्रोजेक्ट छह महीने के लिए बचा लिया गया है। अब विश्व बैंक की टीम प्रदेश सरकार द्वारा दी गई दलीलों और तथ्यों के आधार पर जून में समीक्षा कर प्रोजेक्ट पर निर्णय लेगी।

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हिमाचल सरकार ने राशि खर्च न किए जाने को लेकर सबसे बड़ी दलील निविदा प्रक्रिया में लगने वाली देरी बताई है। अभी 500 करोड़ रुपये के कार्य पाइपलाइन में हैं। छह महीने में इनका कार्य धरातल पर होगा। एम पैथी की अध्यक्षता में आई विश्व बैंक की टीम ने कहा है कि कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था सहित अत्याधुनिक मंडियों को जल्द स्थापित किया जाए। इस संबंध में हिमाचल सरकार ने उसके द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में ई-मंडी में हर तरह की व्यवस्था होने और घर बैठे अपने उत्पाद बेचने में बागवानों के सक्षम होने का प्रोजेक्ट भी बताया।

विश्व बैंक की टीम ने गत वर्ष नवंबर में प्रोजेक्ट की समीक्षा करने के बाद इसमें जो बदलाव किया, उस आधार पर हिमाचल में बनाए गए क्लस्टरों और उनमें किए जा रहे कार्यों की जानकारी सरकार ने टीम को दी। प्रोजेक्ट में चार श्रेणियों में राशि खर्च की जाएगी। इसके लिए बागवानी विभाग, एचपीएमसी, औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन और मार्केटिंग बोर्ड को एजेंसी बनाया गया है।

ये दी गई दलीलें

  • पाइपलाइन में हैं 500 करोड़ रुपये के कार्य।
  • सभी कार्यों को निविदा प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है। इसमें समय लग रहा है।
  • अब ऐसे कोई भी कार्य नहीं हैं जिनके लिए जमीन का प्रावधान नहीं है।
  • सात अत्याधुनिक कृषि मंडियों को स्थापित करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। छह माह में जमीन पर दिखेगा काम।
  • सिंचाई परियोजना के लिए करोड़ों रुपये का कार्य तीव्र गति से हो रहा है।
  • क्लोनल रूट स्टॉक के डेढ़ लाख पौधे तैयार करने के बाद वितरित किए जा रहे हैं।
  • नर्सरी को मजबूत करने के साथ बीमारियों व वायरस पर नजर रखने के लिए देखरेख की व्यवस्था।
  • पांच हेक्टेयर के क्लस्टर बना दिए हैं। विकास कार्य शुरू हो गए हैं।

बागवानी प्रोजेक्ट को लेकर विश्व बैंक के समक्ष राशि न खर्च पाने के लिए सभी तथ्य रखे हैं। जो कार्य हो रहे हैं और जो कार्य जल्द धरातल पर होंगे, उनका ब्योरा दिया गया है। विश्व बैंक की टीम ने पौधों में बीमारियों की देखरेख के लिए बेहतर व्यवस्था करने को कहा है। -अनिल खाची, मुख्य सचिव


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