बुजुर्गों सहित गंभीर रोगों से ग्रस्त काेरोना संक्रमितों के लिए जान लें क्या हैं होम आइसोलेशन नियम
Covid Patient Home Isolation Rules बुजुर्ग और अन्य रोगों जैसे उच्च रक्तचाप मधुमेह हृदय फेफड़े लीवर व गुर्दे की बीमारी से ग्रसित कोरोना संक्रमितों को उचित उपचार या चिकित्सकों के परामर्श के बाद ही होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Covid Patient Home Isolation Rules, बुजुर्ग और अन्य रोगों जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय, फेफड़े, लीवर व गुर्दे की बीमारी से ग्रसित कोरोना संक्रमितों को उचित उपचार या चिकित्सकों के परामर्श के बाद ही होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी। इस संबंध में प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा निर्देशों के तहत शुक्रवार को विस्तृत निर्देश जारी कर दिए। एचआइवी व कैंसर आदि से पीडि़त रोगियों को होम आइसोलेशन में भेजने की सलाह है। होम आइसोलेशन के लिए कोरोना के हल्के लक्षण वालों को भेजा रहा है। इसमें जो सांस की तकलीफ के बिना और कमरे की हवा में 93 प्रतिशत से अधिक आक्सीजन संतृप्ति है वे शामिल हैं। देखभाल करने वाले को दस्ताने उतारने से पहले और बाद में हाथों की सफाई करना जरूरी है।
कब होगा होम आइसोलेशन समाप्त
पाजिटिव आने के कम से कम सात दिन बीत जाने के बाद होम आइसोलेशन समाप्त हो जाएगा। होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद पुन: परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है।
तुरंत चिकित्सक को दिखाएं
यदि बुखार में सुधार नहीं हो रहा है और तीन दिन से अधिक के लिए 100 डिग्री फारेनहाइट से अधिक का उच्च बुखार है, सांस लेने में कठिनाई, कमरे की हवा या श्वसन दर पर आक्सीजन संतृप्ति 93 प्रतिशत से कम है। अगर छाती में लगातार दर्द या दबाव महसूस होता है, मानसिक भ्रम होता है या गंभीर थकान होती है तो तुरंत डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
संपर्क वालों काे कोविड परीक्षण की नहीं आवश्यकता
मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश हेमराज बैरवा का कहना है होम आइसोलेशन के लिए व्यापक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। मरीज की निगरानी के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण व संबंधित जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा। संक्रमित के स्पर्श व संपर्क वालों को कोविड परीक्षण करने की आवश्यकता नहीं है।
होम आइसोलेशन के लिए निर्देश
- रोगी को अलग कमरे में आइसोलेट करना होगा।
- रोगी को हवादार कमरे में रहना होगा।
- रोगी हर समय ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का उपयोग करे।
- आठ घंटे के उपयोग के बाद या मास्क गीला हो जाता है त्याग दें।
- मास्क को टुकड़ों में काटकर और कम से कम 72 घंटे के लिए पेपर बैग में डालकर फेंकना चाहिए।
- रोगी अन्य लोगों के साथ बर्तन सहित व्यक्तिगत सामान साझा नहीं करेंगे।
- देखभाल करने वाले और मरीज दोनों को एन-95 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।
वैरिएंट नया, एहतियात वही पुरानी
शिमला। कोरोना के नए वैरिएंट के बावजूद एहतियात वही पुरानी है। इसमें मास्क और दो गज की दूरी जरूरी है। मास्क न लगाने पर ही कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। आइजीएमसी के मेडिसन विभाग के प्रोफेसर डा. प्रेम मच्छान ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक है कि जो भी पात्र हैं 15 वर्ष से अधिक आयु के लोग वैक्सीन की दोनों डोज को निर्धारित अवधि में लगाएं। इसके अलावा जो विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं जैसे हृदय रोगी, किडनी और अन्य रोगी जो भी सतर्कता डोज के लिए पात्र हैं वे बूस्टर डोज लगाएं। स्वस्थ रहने और बीमारियों से लडऩे के लिए आवश्यक है कि उचित डाइट लें जिसमें दालों के साथ फल और सब्जियों का सेवन करें।