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भारी बारिश व बर्फबारी से जनजीवन बेहाल, अभी राहत नहीं देगा मौसम; जानिए सप्‍ताहभर का हाल

Himachal Weather Update हिमाचल प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश और बर्फबारी ने जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित किया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 08:46 AM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 03:37 PM (IST)
भारी बारिश व बर्फबारी से जनजीवन बेहाल, अभी राहत नहीं देगा मौसम; जानिए सप्‍ताहभर का हाल
भारी बारिश व बर्फबारी से जनजीवन बेहाल, अभी राहत नहीं देगा मौसम; जानिए सप्‍ताहभर का हाल

धर्मशाला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश और बर्फबारी ने जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित किया है। बड़ी बात यह है कि मौसम अभी राहत नहीं देगा। कल यानी रविवार को भी बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। 16 व 17 मार्च को कुछ राहत जरूर मिल सकती है, इन दो दिनों के दौरान बारिश न होने की संभावना है। लेकिन इसके बाद लगातार 21 मार्च तक बारिश और बर्फबारी होगी। मौसम विशेषज्ञों का कहना है बारिश और बर्फबारी का सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है।

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जिला कांगड़ा के पर्यटन स्‍थल नड्डी, धर्मकोट व बिलिंग में भी बर्फबारी हुई है। लाहुल-स्‍पीति घाटी में बर्फीला तूफान चलने से लोग घरों में कैद हो गए हैं। लाहुल की चंद्रा घाटी में जनजीवन बेहाल है। समूचे जिला में बसों के पहिये भी थम गए हैं। जिला शिमला में भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्‍त व्‍यवस्‍त हो गया है। ऊपरी शिमला का क्षेत्र जिला मुख्‍यालय से कट गया है। प्रदेश में लगातार हवाई सेवाएं भी प्रभावित हैं। शिमला शहर में ही तीन इंच तक बर्फबारी हुई है।

भारी बारिश, बर्फबारी व अांधी से भारी नुकसान हुआ है। आंधी से 52 मकानों की छतें उड़ गईं। प्रदेशभर में 250 के करीब ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं। शिमला के नेरवा नाले में आए उफान के कारण कार बह गई। चंबा में भूस्‍खलन से नौ घरों को खतरा पैदा हो गया है, ज‍बकि बन्‍नी माता मंदिर पर भी खतरा मंडरा रहा है।

पर्यटन कारोबार के लिए तो यह बर्फबारी सोने पर सुहागा है। लेकिन मार्च में इतनी बर्फबारी होने से लोगों की दिक्‍कतें बढ़ी हैं। इन दिनों अधिकतर लोगों के पास सर्दी के लिए जुटाया राशन व अन्‍य सामग्री खत्‍म होने की कगार पर होती हैं, ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों में चार दिन से घरों में कैद लोगों की मुश्किल बढ़ी है। वहीं फसलों के लिए भी जरूरत से ज्‍यादा बारिश नुकसानदायी है।

मौसम के बिगड़े मिजाज ने किसानों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। खेत पानी से लबालब भर गए हैं। इस कारण गेहूं समेत टमाटर की फसल तबाह होने की संभावना प्रबल हो गई है। मंडी जिला में टमाटर को ज्‍यादा नुकसान हुआ है, जिले में 997 हेक्टेयर भूमि में टमाटर की खेती होती है। बल्ह घाटी के किसानों की आर्थिकी का आधार ही टमाटर की फसल है। गर्मी के दौरन यहां का टमाटर उत्ततरी भारत सहित पड़ोसी देश पाकिस्तान तक सप्लाई होता है।

बारिश से जगह-जगह हुए भूस्खलन से जिला मंडी में पांच सड़कें बंद हुई हैं। इनमें सराज हलके की चार गाड़ागुसैणी वाया टपनालीधाट, छतरी गाड़ागुसैणी, जंजैहली मगरूगला व थाची डीडर व बल्ह हलके की कलखर लेदा बाया सुंदरनगर मार्ग बंद है। बारिश व बर्फवारी से बिजली व दूरसंचार सेवाएं भी बाधित हुई हैं।


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