हिमाचल के स्कूलों में लाइब्रेरी की सुधरेगी हालत, बच्चों को पाठ्यक्रम से हटकर किताबें मिलेगी पढ़ने के लिए
Himachal School Library राज्य के सरकारी स्कूलों में बने पुस्तकालयों की हालत जल्द बदलेगी। स्कूल के यह पुस्तकालय नाम के नहीं होंगे बल्कि इनमें बच्चों के पढ़ने के लिए महापुरुषों की जीवनी बाल्य मैग्जीन नैतिक शिक्षा आजादी के योद्धाओं की जीवनी जैसी पुस्तकें उपलब्ध होंगी।
शिमला, जेएनएन। Himachal School Library, राज्य के सरकारी स्कूलों में बने पुस्तकालयों की हालत जल्द बदलेगी। स्कूल के यह पुस्तकालय नाम के नहीं होंगे, बल्कि इनमें बच्चों के पढ़ने के लिए महापुरुषों की जीवनी, बाल्य मैग्जीन, नैतिक शिक्षा, आजादी के योद्धाओं की जीवनी जैसी पुस्तकें उपलब्ध होंगी। बच्चों में पढ़ने की रुचि बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है। समग्र शिक्षा अभियान की ओर से इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नए शैक्षणिक सत्र से इन किताबों को खरीदा जाएगा। कक्षा-1 से 12वीं तक के बच्चों की रुचि के हिसाब से किताबों की खरीद की जाएगी। समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) ने पब्लिकेशन व डिस्ट्रीब्यूटरों से आमंत्रित किए हैं। 20 मार्च तक सैंपल एसएसए निदेशालय भेजने को कहा गया है।
केंद्र देता है बजट, खरीद पर कमेटी लेगी फैसला
केंद्र सरकार सरकारी स्कूलों में बने पुस्तकालयों के लिए 5 से 20 हजार रुपये तक का बजट प्रत्येक स्कूल को दिया जाता है। हर साल यह बजट जारी किया जाता है। किताबों की खरीद के लिए निदेशालय में राज्यस्तरीय कमेटी गठित है। कमेटी में शिक्षक, प्रशासनिक अधिकारी, प्रधानाचार्य शामिल हैं। किताबों के सैंपल आने के बाद कमेटी की बैठक में चर्चा के बाद इस पर अंतिम निर्णय होगा। ये किताबें अप्रैल व मई तक स्कलों के पुस्तकालयों में मुहैया करवा दी जाएंगी। कक्षा-1 से 5 यानि प्राइमरी स्कूलों के लिए किताबों की अलग खरीद होगी। जबकि कक्षा-6 से 12वीं के बच्चों के लिए अलग से किताबें खरीदी जाएंगी।