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Shimla Weather News: शिमला के नेरवा में नाले में आई बाढ़ में बह गईं तीन कारें और पिकअप जीप

Shimla Weather News हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। बुधवार रात को भारी बारिश ने नेरवा बाजार में पुराना बस स्टैंड के समीप बहने वाले नाले का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। इससे तीन कारें और एक पिकअप बह गई।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 01:35 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 01:35 PM (IST)
Shimla Weather News: शिमला के नेरवा में नाले में आई बाढ़ में बह गईं तीन कारें और पिकअप जीप
नेरवा बाजार में पुराना बस स्टैंड के समीप नाले में आई बाढ़ में बहे वाहन।

नेरवा, क्षितिज सूद। Shimla Weather News, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। बुधवार रात को भारी बारिश ने नेरवा बाजार में पुराना बस स्टैंड के समीप बहने वाले नाले का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। इससे तीन कारें और एक पिकअप बह गई। वहीं एक कार और एक बोलेरो जीप नाले के तेज बहाव में फंस गए। नाले के बहाव में फंसी गाड़ियों को लोगों ने जंजीरों से बांधकर फिलहाल सुरक्षित निकाल लिया है। उपमंडल में कई स्थानों पर संपर्क मार्ग बह गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। बीती रात तेज बारिश के कारण नाले में अचानक बाढ़ आने से मलबे के साथ भारी चट्टानें भी आ गई हैं।

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इस बाढ़ ने नाले के किनारे खड़े वाहनों को अपने चपेट में ले लिया। नाले में आई बाढ़ का रूप इतना रौद्र था कि इसमें दो कारें तो नाले पर बनी पुलिया को पार करते हुए करीब साढ़े तीन सौ मीटर आगे तक बह गईं। गनीमत रही कि कार में सवार लोग समय रहते बाहर निकल गए। उपमंडल में कई अन्य स्थानों पर बारिश से भारी नुकसान हुआ है। इससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।

मौके पर स्थानीय प्रशासन, नायब तहसीलदार जगपाल सिंह, नगर पंचायत अध्यक्षा बबीता तंगडाइक व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी पहुंचे और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान लोक निर्माण विभाग की मशीनरी, पुलिस विभाग की टीम और स्थानीय लोगों ने राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया। 

बागवान व किसान परेशान

उपमंडल नेरवा में इन दिनों टमाटर व सेब सीजन पूरे जोरों पर है। भारी बारिश से जगह-जगह संपर्क मार्गों के क्षतिग्रस्त होने से बागवानों व किसानों को अपनी फसलें मंडी तक पहुंचाने की चिंता सता रही है। बागवानों का कहना है कि यदि समय रहते संपर्क मार्ग ठीक न हुए तो फसलें खेतों व बागीचों में सड़ जाएंगी और इससे उन्हें आर्थिक नुकसान झेलने को मजबूर होना पड़ेगा। वहीं क्षेत्र में कुछ लोगों की आजीविका फसलों पर ही निर्भर करती है।


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