दिव्यांगों के लिए बड़ी खबर, अब एमफिल और पीएचडी के हर विषय में आरक्षित होगी एक सीट
HPU Shimla Decision हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एमफिल और पीएचडी के हर विषय में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक अतिरिक्त सीट आरक्षित होगी।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एमफिल और पीएचडी के हर विषय में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक अतिरिक्त सीट आरक्षित होगी। बुधवार को प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी अधिसूचना जारी की है। इसका दूसरे आरक्षित वर्ग की सीटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ईसी में फैसला किया गया था कि इस वर्ग के विद्यार्थी को एक अतिरिक्त सीट देने पर विभाग के किसी एक शिक्षक को भी उसके शोधार्थियों के कोटे में एक सीट अतिरिक्त जुड़ जाएगी।
अधिसूचना जारी होने के बाद इस फैसले पर मुहर लग गई है। 23 दिसंबर 2019 को कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार की अध्यक्षता में हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया था। यह नियम लागू करने वाला हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय उत्तर भारत का पहला विश्वविद्यालय होगा। प्रदेश विश्वविद्यालय के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।
क्यों बढ़ाई गई सीट
दिव्यांग श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए दाखिले में पांच फीसद कोटा निर्धारित है। पीजी कोर्स में सीटें निर्धारित होती हैं, इसलिए कोटे के अनुसार दाखिले में दिक्कत नहीं आती। लेकिन एमफिल व पीएचडी में सीटों की संख्या निर्धारित नहीं होती। इसलिए कोटे का निर्धारण सही तरह से नहीं हो पाता। इसलिए एचपीयू ने एक अतिरिक्त सीट रिजर्व करने का फैसला लिया है।
अब नौ विद्यार्थियों का गाइड बन सकेगा प्रोफेसर
नियमों के तहत पहले प्रोफेसर आठ विद्यार्थियों को पीएचडी करवा सकता है। नियमों में संशोधन के बाद वह दिव्यांग श्रेणी के एक अतिरिक्त विद्यार्थी का गाइड बन सकता है, यानी नौ विद्यार्थियों को पीएचडी करवा सकता है। इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर छह और एसोसिएट प्रोफेसर चार छात्रों को पीएचडी करवा सकते थे। अब इसमें दिव्यांग श्रेणी के छात्रों की 1-1 सीट को और जोड़ा जाएगा। यह सीट तभी जुड़ेगी यदि दिव्यांग श्रेणी के छात्रों का आवेदन आता है। यदि आवेदन नहीं आता तो अन्य श्रेणी के विद्यार्थियों को इस पर दाखिला नहीं दिया जाएगा।