हिमाचल के 2.58 लाख कर्मचारियों का होगा पांच लाख का दुर्घटना बीमा, जीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज घटाया
Himachal Pradesh Employee News हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियाें सार्वजनिक उपक्रमों में सेवारत कर्मियों अनुबंध दिहाड़ीदार और अंशकालिक 2.58 लाख कर्मचारियों का पांच लाख रुपये का दुर्घटना बीमा होगा। सरकार के वित्त विभाग की ओर से समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Pradesh Employee News, हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियाें, सार्वजनिक उपक्रमों में सेवारत कर्मियों, अनुबंध, दिहाड़ीदार और अंशकालिक 2.58 लाख कर्मचारियों का पांच लाख रुपये का दुर्घटना बीमा होगा। सरकार के वित्त विभाग की ओर से समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना की अधिसूचना जारी कर दी गई है। किसी कर्मचारी की मृत्यु होने की स्थिति में उसके स्वजनों को एक महीने के भीतर संबंधित विभाग को मृत्यु प्रमाण पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पुलिस प्राथमिकी रिपोर्ट पेश करनी होगी। अब सभी विभागों, निगम-बोर्ड की ओर से दुर्घटना बीमा के तहत प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से 200-200 रुपये की धनराशि की कटौती होगी।
बीमा धनराशि की कटौती कर्मचारियों के नवंबर महीने के वेतन से दिसंबर में शुरू होगी। कर्मचारियों के वेतन से एकत्र होने वाली धनराशि एक खाते में जमा होगी। इस संबंध में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। पांच लाख रुपये के दुर्घटना से सरकार के नियमित कर्मचारियों सहित हर श्रेणी के कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
कर्मचारी की मृत्यु, दिव्यांग, आंख, टांग से अपाहित होने पर
समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के तहत किसी भी कर्मचारी की मृत्यु होने पर संबंधित परिवार को पांच लाख रुपये की धनराशि तुरंत दी जाएगी। इसके अतिरिक्त दुर्घटना में पूरी तरह से अपंग होने वाले कर्मचारी को भी पांच लाख रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा। यदि एक आंख, एक टांग, एक बाजू चले की स्थिति में भी कर्मचारी को पांच लाख बीमा राशि प्राप्त होगी। आखं, टांग, बाजू के क्षतिग्रस्त होने पर दो लाख का मुआवजा मिलेगा।
जीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज घटाया, 7.1 फीसद ही मिलेगा
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को अक्टूबर से दिसंबर के बीच जीपीएफ पर 7.1 फीसद ब्याज ही मिलेगा। ब्याज दर से सरकार के डेढ़ लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे। सरकारी क्षेत्र में पौने तीन लाख कर्मचारी हैं, जिनमें सरकारी विभागाें और सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी भी शामिल हैं। प्रत्येक कर्मचारी के लिए जीपीएफ में 15 फीसद धनराशि रखना अनिवार्य है और अति विशेष परिस्थितियों में कोई भी सरकारी कर्मचारी 90 फीसद जीपीएफ निकाल सकता है। जीपीएफ को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। मौजूदा वित्त वर्ष की अक्टूबर से दिसंबर तक की तिमाही में जीपीएफ पर 7.1 फीसद ही ब्याज दर थी। वित्तीय वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में जुलाई से सितंबर में ब्याज दर 7.9 फीसदी थी। लेकिन उसके बाद वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक गतिविधियां ठप रहने के कारण जीपीएफ पर ब्याज दर में वृद्धि नहीं हुई थी।