हिमाचल के किसानों व बागवानों को कोल्ड चेन प्रोजेक्ट दिलाएगा फसल का सही दाम, शिमला के पराला में हो रही स्थापना
Himachal Cold Chain Project बाजार में फलों और सब्जियों के दाम गिरने पर अब किसानों व बागवानों को निराश होने की जरूरत नहीं है। शिमला जिला के पराला में बन रहे इंटीग्रेटिड कोल्ड चेन प्रोजेक्ट पर 60 करोड़ खर्च होंगे।
शिमला, शिखा वर्मा। Himachal Cold Chain Project, बाजार में फलों और सब्जियों के दाम गिरने पर अब किसानों व बागवानों को निराश होने की जरूरत नहीं है। शिमला जिला के पराला में बन रहे इंटीग्रेटिड कोल्ड चेन प्रोजेक्ट पर 60 करोड़ खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत जिला शिमला की ठियोग स्थित पराला मंडी में कृषि मार्केटिंग बोर्ड प्रदेश की पहली आइक्यूएफ (इंडीविजवली क्विक फ्रीजिंग) लाइन और फ्रीजिंग चैंबर का निर्माण करने जा रहा है। इसका आधे से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शनिवार को मंडी में युवा विजय संकल्प रैली को वर्चुअली संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस प्रोजेक्ट का जिक्र किया।
कोल्ड चेन प्रोजेक्ट बनने से किसानों व बागवानों को फसल के सही दाम मिल सकेंगे। किसान व बागवान अपने उत्पाद की प्रोसेसिंग (प्रसंस्करण) करवाकर नुकसान से बच सकेंगे। प्रोजेक्ट शुरू होने पर किसानों और बागवानों को प्रोसेसिंग के बाद फल व सब्जियों को संरक्षित कर बाजार में बेचने का विकल्प मिलेगा। प्रदेश की यह पहली आइक्यूएफ लाइन स्थापित की जा रही है। आइक्यूएफ लाइन के साथ ही 1500 टन क्षमता का फ्रीजिंग चैंबर तैयार किया जा रहा है। अगले साल सेब सीजन से पहले इस प्रोजेक्ट का संचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रोजेक्ट के लिए 10 करोड़ रुपये भारत सरकार देगी।
इन फलों और सब्जियों की हो सकेगी प्रोसेसिंग
आइक्यूएफ लाइन स्थापित होने के बाद किसान व बागवान स्ट्राबेरी, चेरी, नाशपाती और खुमानी के अलावा मटर, ब्रोकली सहित अन्य अंग्रेजी सब्जियों की प्रोसेसिंग कर अच्छी कीमत पर बेच सकेंगे। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद एसी गाडिय़ों की सुविधा सहित कई अन्य तरह की सुविधाएं भी मिलेंगी।
यह होगा फायदा
राज्य कृषि मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर ने बताया कि फलों और सब्जियों के दाम गिरने पर किसान व बागवान अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग कर अच्छी कमाई कर सकते हैं। इसके लिए पराला मंडी में पहली आइक्यूएफ लाइन और फ्रीजिंग चैंबर बनाने का काम चला हुआ है।