सेब सीजन पर मौसम की मार, एक सप्ताह से बारिश के कारण मंडी कम हुई आपूर्ति, दाम ने भी निराश किए बागवान
Shimla Apple Season जिला शिमला के उपमंडल ठियोग में एक सप्ताह से भारी बरसात के कारण सेब तुड़ान में कमी आने से पराला मंडी में फसल की आवक कम हो गई है। बारिश के कारण उपमंडल की पराला मंडी में सोमवार को तेरह हजार पेटी बिकने के लिए पहुंची
ठियोग, सुनील ग्रोवर। Shimla Apple Season, जिला शिमला के उपमंडल ठियोग में एक सप्ताह से भारी बरसात के कारण सेब तुड़ान में कमी आने से पराला मंडी में फसल की आवक कम हो गई है। बारिश के कारण उपमंडल की पराला मंडी में सोमवार को तेरह हजार पेटी बिकने के लिए पहुंची, जबकि पहले यह संख्या चालीस हजार के करीब रहती थी। मंडी में कम फसल आने के बावजूद अधिक संख्या में फसल को औसतन कीमत ही मिल रही है। अन्य राज्यों में बारिश के कारण फसल की कीमत पर बुरा असर पड़ा है। पहले जहां पंद्रह सौ से दो हजार कीमत पर बिकने वाली पेटियों की संख्या कुल पहुंचने वाली पेटियों की तुलना में 40 प्रतिशत थी वह घटकर 20 प्रतिशत रह गई है।
आढ़तियों के अनुसार सेब की गुणवत्ता के आधार पर दाम मिल रहे हैं। बारिश के कारण सेब की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बारिश के कारण आए तेज तूफान के कारण कई बागवानों के बगीचों में सेब जमीन पर आ गिरे हैं।
1800 का दाम बना बड़ा अवरोधक
सोमवार को मंडी में रायल सेब को अधिकतम 1800 रुपये तक के दाम मिले। पिछले एक माह से सेब की गुणवत्ता चाहे किस तरह की भी रही हो लेकिन सेब को अधिकतम 1800 तक के दाम मिल रहे हैं। 1800 का यह रेट बागवानों के लिए बुरे सपने से कम नहीं है, जबकि इस समय अधिकतर अधिक ऊंचाई के क्षेत्रों का सेब बिकने के लिए आ रह है जोकि स्वाद और गुणवत्ता के आधार पर कम ऊंचाई और मध्यम ऊंचाई के इलाकों से बेहतर क्वालिटी का माना जाता है। अधिक ऊंचाई के सेब को कोल्ड स्टोर में रखने के लिए उपयुक्त माना जाता है। लेकिन बारिश के कारण सेब को उचित मूल्य न मिलने से बागवानों में निराशा है।
यह रहे दाम
पराला मंडी में रॉयल किस्म के सेब को 300 से 1800 रेड-गोल्ड को 300 से 1000 तक और गोल्डन किस्म के सेब 300 से 600 तक के दाम मिले रहे हैं। इनमें छह और सात लेयर किस्म की पेटियां मौजूद हैं। सात लेयर की पेटी का वजन जहां 35 से 38 किलो रहता है जबकि छह लेयर की पेटी 25 से 28 किलो वजन की होती है। सोमवार को 2366 पेटियों को एक सौ से पांच सौ 4176 पेटियों को पांच सौ से एक हजार तक 3582 पेटियों एक हजार से पंद्रह सौ तक और 3665 पेटियों को पंद्रह सौ से दो हजार तक के दाम मिले।
तुड़ान व सीजन कमजोर पड़ने से जाम की समस्या हुई कम
बारिश की वजह से सीजन कमजोर होने के कारण बाहरी राज्यों को सेब ढोने वाले छोटे और भारी वाहनों की संख्या काफी कम हुई है। वाहनों की संख्या पर लगाम लगने से ठियोग और शिमला के बीच पहले की तुलना में कम जाम लग रहा है। मौसम खुलने से सेब सीजन के एक बार फिर रफ्तार पकड़ने की संभावना अधिक हो जाएगी, इसके बाद एक बार फिर जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ सकता है।