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वनरक्षक राजेश को तिरंगा ओढ़ाकर अंतिम विदाई, वन मंत्री बोले- बलिदानी घो‍षित किया जाएगा, तस्‍वीरों में देखिए भावुक क्षण

Forest Guard Rajesh Kumar हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के बंगाणा क्षेत्र में जंगल की आग बुझाते झुलसकर जान गंवाने वाले वनरक्षक को तिरंगे में ओढ़ाकर अंतिम विदाई दी गई। वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि राजेश कुमार को तिरंगा ओढ़ाकर अंतिम विदाई दी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 09:29 AM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 03:14 PM (IST)
वनरक्षक राजेश को तिरंगा ओढ़ाकर अंतिम विदाई, वन मंत्री बोले- बलिदानी घो‍षित किया जाएगा, तस्‍वीरों में देखिए भावुक क्षण
वनरक्षक राजेश कुमार की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह व विलाप करते स्‍वजन।

ऊना, जागरण टीम। Forest Guard Rajesh Kumar, हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के बंगाणा क्षेत्र में जंगल की आग बुझाते झुलसकर जान गंवाने वाले वनरक्षक को प्रशासन ने तिरंगा ओढ़ाकर अंतिम विदाई दी। वन मंत्री राकेश पठानिया ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि राजेश कुमार को तिरंगे में ओढ़ाकर अंतिम विदाई दी गई। बलिदानी की तरह अंतिम संस्‍कार किया जा गया। पुलिस के जवानों ने सलामी दी। वन मंत्री सुबह ही वनरक्षक राजेश कुमार के घर पहुंच गए थे। इसके अलावा पंचायती राज मंत्री व स्‍थानीय विधायक वीरेंद्र कंवर, उपायुक्‍त और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंच गए।

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वन मंत्री ने कहा वनरक्षक की पत्‍नी को आधा वेतन पेंशन के रूप में आजीवन मिलता रहेगा। इसके अलावा बच्‍चे को नौकरी दी जाएगी। मंत्रिमंडल में इसे लेकर जाया जाएगा व वनरक्षक को बलिदानी घोषित किया जाएगा। साथ ही वनरक्षक की पत्‍नी को राज्‍यस्‍तरीय समारोह में राज्‍यपाल के हाथों से सम्‍मानित भी करवाया जाएगा। वनरक्षक राजेश कुमार जंगल की आग को बुझाते हुए झुलस गए थे। दो दिन के बाद उनका पीजीआइ चंडीगढ़ में निधन हो गया था।

दैनिक जागरण ने वनरक्षक राजेश कुमार के हौसले को सलाम किया। राजेश कुमार ने अपनी जान की परवाह न करते हुए वन संपदा व जीव जंतुओं को बचाने के लिए अपने प्राण तक गंवा दिए। राजेश कुमार पहले डिस्‍पैच में थे व हाल ही में वनरक्षक के पद पर तैनात हुए थे। लेकिन वह अपने काम को लेकर बेहद संजीदा थे। पूरी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्‍य का निर्वहन करते थे।

जंगल में लगी आग पर काबू पाने के लिए वह एक छोर पर अकेले ही जुटे थे। इस दौरान तूफान चलने के कारण आग बेकाबू हो गई व वह भी इसकी चपेट में आकर 90 फीसद तक झुलस गए। गंभीर हालत में उन्‍हें स्‍थानीय अस्‍पताल पहुंचाया गया। लेकिन बंगाणा से ऊना और वहां से पीजीआइ चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया। दो दिन बाद उनका निधन हो गया।

वनरक्षक राजेश कुमार के अंतिम संस्‍कार के दौरान श्‍मशानघाट पर मौजूद वन मंत्री राकेश पठानिया, उपायुक्‍त ऊना और पुलिस अधीक्षक व अन्‍य।


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