Himachal Doctors Strike: हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में आज सामूहिक हड़ताल पर डाक्टर, बंद रहेगी ओपीडी
Himachal Doctors Strike हिमाचल प्रदेश में डाक्टर आज हड़ताल पर हैं। राजधानी शिमला के किसी भी अस्पताल में आप आज मंगलवार को अपना रूटीन चेकअप करवाने के लिए न आएं। अस्पताल में मंगलवार को डाक्टर सामूहिक हड़ताल पर रहेंगे।
शिमला, जागरण टीम। Himachal Doctors Strike, हिमाचल प्रदेश में डाक्टर आज हड़ताल पर हैं। प्रदेशभर के मेडिकल कालेज में विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं नहीं देंगे। राजधानी शिमला के किसी भी अस्पताल में आप आज मंगलवार को अपना रूटीन चेकअप करवाने के लिए न आएं। अस्पताल में मंगलवार को डाक्टर सामूहिक हड़ताल पर रहेंगे। शिमला शहर के तीनों प्रमुख अस्पतालों में डाक्टर मरीजों को ओपीडी में चेक नहीं करेंगे। अस्पताल में सिर्फ आपातकालीन सेवाएं दी जाएंगी। इसके अलावा कोई सेवाएं प्रदान नहीं की जाएंगी। शिमला शहर के अस्पतालों में रोजाना सात हजार से अधिक मरीज चेकअप करवाने के लिए ओपीडी में आते हैं। ऐसे में जूनियर डाक्टरों के कंधों पर कार्यभार अधिक होने से मरीजों को दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी। डाक्टरों के सामूहिक अवकाश पर जाने से मरीजों को इलाज नहीं मिल पाएगा और वार्डों में भी इससे दिक्कत होगी।
रोजाना आते हैं तीन हजार से अधिक मरीज
आइजीएमसी शिमला में रोजाना 3000 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं। हड़ताल की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना आइजीएमसी में मरीजों को करना पड़ सकता है। आइजीएमसी में राज्यभर से लोग इलाज करवाने के लिए आते है। दो दिन के अवकाश के बाद अस्पतालों में ज्यादा भीड़ रहती है। इसलिए भी हड़ताल काम को ज्यादा प्रभावित कर सकती है।
अकादमिक भत्ते की सिफारिश न होने से नाराज
सेमडिकोट का आरोप है कि सरकार ने कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने अकादमिक भत्ते की अभी तक कोई सिफारिश नहीं की है। ऐसे में लगभग 250 डाक्टर सामूहिक अवकाश पर जाएंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
डाक्टर्स की दोटूक
सेमडिकोट के अध्यक्ष डा. राजेश सूद ने बताया कि सरकार ने स्पेशियलिस्ट डाक्टरों का अकादमिक भत्ता 7500 से 18000 रुपये कर दिया है। इसका वे स्वागत करते हैं। हालांकि मेडिकल कालेजों में काम करने वाले डाक्टरों को अभी तक यह भत्ता नहीं दिया गया है। ऐसे में उनके पास हड़ताल पर जाने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं है। सरकार मांगों को नहीं मानती है तो आज सभी डाक्टर हड़ताल करेंगे और अस्पताल में सिर्फ आपातकालीन सेवाएं प्रदान करेंगे।