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CAG: 3557.85 करोड़ रुपये के खर्च पर हिमाचल सरकार पर उठे गंभीर सवाल, नहीं दिया उपयोगिता प्रमाण पत्र

Himachal Govt Expenditure हिमाचल सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2021-21 में खर्च 3557.83 करोड़ रुपये पर कैग ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से मानसून सत्र के आखिर दिन शनिवार को सदन में रखी कैग की रिपोर्ट अनियमितताओं की ओर इशारा कर रही है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 12:18 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 12:18 PM (IST)
CAG: 3557.85 करोड़ रुपये के खर्च पर हिमाचल सरकार पर उठे गंभीर सवाल, नहीं दिया उपयोगिता प्रमाण पत्र
हिमाचल सरकार की ओर से खर्च 3557.83 करोड़ रुपये पर कैग ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Govt Expenditure, हिमाचल सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2021-21 में खर्च 3557.83 करोड़ रुपये पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से मानसून सत्र के आखिर दिन शनिवार को सदन में रखी कैग की रिपोर्ट अनियमितताओं की ओर इशारा कर रही है। कैग रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने 2800 करोड़ रुपये के काम के यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (यूसी) नहीं दिए, जबकि सभी सरकारी काम में पारदर्शिता के लिए यूसी का जमा करना अनिवार्य होता है।

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यूसी जमा न होने पर कैग ने इस रकम के दुरुपयोग की आशंका जताई है। कैग के निष्कर्ष में कहा है कि सरकार के पास वास्तव में खर्च या उपयोग की गई 3,557.83 करोड़ की राशि का सही जवाब नहीं था। 31 मार्च, 2021 तक कुल 2799 यूसी लंबित थी, जिसमें दुरुपयोग का जोखिम बहुत बढ़ जाता है।

रिपोर्ट में कहा है कि 227.65 करोड़ रुपये की राशि, उपवाउचर और अन्य सहायक दस्तावेज वास्तविक व्यय के प्रमाण के रूप में प्रधान महालेखाकार को प्रस्तुत नहीं किए गए। 227.65 करोड़ रुपये की राशि को व्यय के रूप में नहीं माना गया और इसे शीर्ष सस्पेंस पब्लिक अकाउंट के तहत रखा गया है।

2019-20 के यूसी भी जमा नहीं: कैग

कैग की रिपोर्ट में कहा है कि 2019-20 तक जमा करने के लिए देय कुल 1,587.07 करोड़ रुपये की राशि के लिए 1,487 यूसी भी 31 मार्च 2021 तक बकाया थे।

आहरण एवं वितरण में भी गड़बड़ी

कैग ने पाया कि आहरण एवं वितरण अधिकारी (डीडीओ) कोषागार से आकस्मिक प्रकृति के अग्रिम को आहरित करने के लिए उसी प्रपत्र का उपयोग कर रहे थे, जैसा कि व्यय की अन्य सभी नियमित प्रकृति के लिए किया जाता है। कैग ने आगाह किया कि अग्रिम आहरित और निगरानी नहीं की गई और उसका हिसाब नहीं दिया गया। इससे भी पैसे के दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है।


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