विधानसभा विशेष सत्र: आरक्षण पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक, जानिए क्या कुछ हुआ
Himachal Assembly Special session हिमाचल प्रदेश विधानसभा के एकदिवसीय विशेष सत्र में मंगलवार को तीखी नोक झोंक हुई।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को विशेष सत्र के दौरान 126वां संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित हो गया। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए 10 साल और आरक्षण प्रावधान किया गया। अभी आरक्षण का प्रावधान 70 वर्ष था। राज्यसभा सचिवालय की ओर से सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए थे कि 10 जनवरी से पहले संविधान संशोधन को लागू किया जाए। इस दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक झोंक हो गई। भाजपा विधायकों ने कांग्रेस के शासनकाल पर सवाल उठाए।
भाजपा विधायकों ने सदन में कहा कि आरक्षण दस के लिए तय किया गया था, लेकिन कांग्रेस सरकार इस वर्ग का उत्थान नहीं कर पाई। इस कारण आरक्षण को आज दिन तक बढ़ाना पड़ रहा है। इस पर कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्षण मुकेश अग्िनहोत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा आरएसएस तो आरक्षण के खिलाफ ही रही है। इस दौरान सदन में काफी गहमागहमी का माहौल बन गया। चर्चा के बाद आरक्षण दस साल और बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया।
राज्यपाल का महज तीन मिनट का अभिभाषण
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का एकदिवसीय विशेष सत्र मंगलवार सुबह 11 बजे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। विधानसभा में राज्यपाल ने तीन मिनट से भी कम समय का अभिभाषण दिया। राज्यपाल ने प्रदेश में सुख समृद्धि की कामना की। राज्यपाल ने कहा विस्तृत अभिभाषण बजट सत्र में दूंगा। अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही 11 बजकर 30 तक के लिए स्थागित कर दी गई। साढ़े 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान मुख्यंत्री जयराम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्िनहोत्री ने पूर्व विधायक निंजू राम के निधन पर शोक जताया।
विपक्ष ने ली बिंदल पर चुटकी
विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल की जगह उपाध्यक्ष हंसराज ने कार्यवाही स्थगित की। विपक्ष ने चुटकी लेते हुए कहा राजीव बिंदल मंत्री बनने के चक्कर में कार्यवाही स्थागित करना भूल गए। राजीव बिंदल राज्यपाल को सदन से बाहर छोड़ने के लिए निकले थे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान अभिभाषण के बाद सदन से बाहर आते राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय। सीएम जयराम ठाकुर और विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल उन्हें बाहर तक छोड़ने आए।
संसद के दोनों सदनों लोकसभा व राज्यसभा से संविधान संशोधन को मंजूरी दी जा चुकी है। एकदिवसीय सत्र के दौरान सिंगल लाइन एजेंडा रहा। इसके तहत आरक्षण संशोधन को विधानसभा की मंजूरी देना था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सत्र से संबंधित फाइल को मंजूरी दे दी है। इसके बाद सत्र के आयोजन का प्रस्ताव राजभवन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की स्वीकृति के लिए भेजा था। राजभवन की ओर से सत्र अधिसूचित किया गया। 2020 के दौरान विधानसभा का पहला सत्र हुआ, जिसमें एक बैठक हुई। इसके बाद फरवरी में बजट सत्र होगा।