आरक्षण व एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में शव यात्रा निकालने वालों पर हो देशद्रोह का मामला दर्ज
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग एससी एसटी ओबीसी ने संयुक्त रूप से जिलाधीश कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है! जिसमें सामान्य वर्ग की ओर से एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में निकाली जा रही विरोध शव रैली को संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग एससी, एसटी, ओबीसी ने संयुक्त रूप से जिलाधीश कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें सामान्य वर्ग की ओर से एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में निकाली जा रही विरोध शव रैली को संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है। ऐसे में यह आरक्षण शव यात्रा 10 दिसंबर को कांगड़ा में प्रवेश करने की बाद सामान्य वर्ग के कुछ लोगों द्वारा की गई है। सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए जरूरी है इस तरह की रैली न आयोजित होने दी जाए। अगर प्रशासन तुरंत कार्रवाई नहीं करता है और कोई अवांछित घटना गठित होती है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार व जिला प्रशासन की होगी।
सामान्य वर्ग के संगठन के खिलाफ वंचित व शोषित समाज के संवैधानिक अधिकारों की शव यात्रा निकालने के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज हो। वहीं संविधान के 93वें संशोधन को हिमाचल प्रदेश की सरकारी सेवाओं और शिक्षा संस्थानों में ओबीसी के लोगों के लिए समाज रूप से लागू किया जाए। प्रदेश के महाविद्यालयों में एससी, एसटी ओबीसी व अल्पसंख्यक वर्ग के पात्र विद्यार्थियों को मिलने वाली वार्षिक छात्रवृति को पुन: प्रारंभ किया जाए।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग(ओबीसी मोर्चा) संयोजक श्रीचंद, भारतीय क्षतिय घृत बाहती चाहंग महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्रीकंठ चौधरी, बटवाल वेलफेयर एसोसिएशन के संयोजक व प्रदेश अध्यक्ष नीरज कुमार, प्रदेश महासचिव, राजेश गोरा, कोषाध्यक्ष राजिंद्र कुमार हिप्पी, उपाध्यक्ष सुरेश कुमार, गुरु रविदास सभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश चंद भाटिया, हिमाचल अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण मंडल के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल स्वरूप सिंह कोहली, दलित अधिकार संघ के जिला अध्यक्ष अश्वनि मैहमी, वाल्मीकि सभा कांगड़ा के प्रधान राज कुमार, केवट महासभा के प्रदेश संयोजक अमृतपाल, सराड़ा वर्ग हिमचाल के संयोजक अच्छर सिंह, महासा महासभा के संयोजक उत्तम चंद सहित अन्य संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भाग लिया।