जयराम बोले, हमारे पास सीमित साधन, केंद्रीय सहायता जरूरी
शिमला स्थित राज्य सचिवालय में राज्य सरकार और नीति आयोग की ओर से पोषण और सहकारी संघवाद विषय पर कार्यशाला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारे सीमित साधन हैं इसलिए केंद्रीय सहायता जरूरी है। कई परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उदार सहायता चाहिए।
शिमला, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारे सीमित साधन हैं, इसलिए केंद्रीय सहायता जरूरी है। कई परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उदार सहायता चाहिए। शिमला स्थित राज्य सचिवालय में मंगलवार को राज्य सरकार और नीति आयोग की ओर से पोषण और सहकारी संघवाद विषय पर कार्यशाला शुरू हुई। इसमें उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार और उन्नयन के लिए 400 करोड़, मंडी जिला में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 1000 हजार करोड़ और ज्वालामुखी के लिए पेयजल और मल निकासी योजना के सुधारीकरण के लिए 20 करोड़ की अनुशंसा की है।
रेल नेटवर्क बढ़ाने पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें भू-अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी तैयार की है, ताकि विद्युत गतिशीलता विकास और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में वैश्विक केंद्र बनाया जा सके। खाद्य एवं फल प्रसंस्करण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि किसानों और बागवानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। पोषण को जन आंदोलन बनाने के लिए जमीनी स्तर पर और अधिक जागरूकता लाने की जरूरत है। उन्होंने विश्वास जताया कि नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पाल और उनके सहयोगी इन मामलों के शीघ्रातिशीघ्र हल के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह ने कहा कि राज्य सरकार नीति आयोग के सदस्य द्वारा दिए सुझावों और सिफारिशों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। कार्यशाला में नीति आयोग के अरविंद मेहता, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता, आरडी धीमान और जेसी शर्मा, नीति आयोग की प्रतिनिधि सुदेंधु ज्योति सिंहा, डा. नीना भाटिया, हेमंत मीणा भी उपस्थित थे।
हिमाचल में एनीमिया ङ्क्षचता का विषय : डा. पाल
नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पाल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में में एनीमिया की समस्या ङ्क्षचता का विषय है। उन्होंने कम वजन वाले शिशुओं पर विशेष अभियान शुरू करने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिसका उद्देश्य 2024 तक ओआरएस और ङ्क्षजक द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को पूर्णत: शून्य करना है। पूरक आहार के लिए जन आंदोलन और एनीमिया मुक्त हिमाचल मिशन को तेज करना समय की आवश्यकता है। इस अवसर पर नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव डा. राकेश सरवाल ने देश और हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संकेतकों के संबंध में एक प्रस्तुति दी।