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छोटे बच्‍चों को स्‍कूल बुलाने का रिस्‍क नहीं लेगी सरकार, स्‍कूल खोलने पर नौ अक्‍टूबर को फैसला

Himachal Schools हिमाचल प्रदेश में स्‍कूलों को खाेलने पर सरकार नौ अक्‍टूबर को फैसला लेगी। नौ अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक होगी। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कक्षा पहली से 8वीं तक शारिरिक दूरी की पालना करवाना मुश्किल है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 01:53 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 04:13 PM (IST)
छोटे बच्‍चों को स्‍कूल बुलाने का रिस्‍क नहीं लेगी सरकार, स्‍कूल खोलने पर नौ अक्‍टूबर को फैसला
प्रदेश में स्‍कूलों को खाेलने पर सरकार नौ अक्‍टूबर को फैसला लेगी।

शिमला, जेएनएन। हिमाचल में 15 अक्टूबर से स्कूलों को खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। कक्षा नवीं से 12वीं तक के बच्चों को नियमित तौर पर स्कूल बुलाया जा सकता है। 9 अक्टूबर को आयोजित होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कक्षा पहली से 8वीं तक शारिरिक दूरी की पालना करवाना मुश्किल है। इसलिए पहले चरण में 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों को खोलने पर फैसला लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। प्रदेश सरकार ने 21 सितंबर से नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को परामर्श लेने के लिए स्‍कूल खोल दिए थे। अभिभावकों की ओर से लिख‍ित में लेकर आने पर ही वह स्‍कूल आ सकते हैं। मौजूदा समय में अध्‍यापक स्‍कूल आ रहे हैं। अब सरकार विद्यार्थियों के लिए रूटीन में स्‍कूल खोलने पर विचार कर रही है। इस पर जल्‍द फैसला लिया जा सकता है।

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शिक्षा मंत्री ने कहा कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार छोटे बच्चों को स्कूल बुलाने का रिस्क नहीं लेना चाहती। ऐसे में कक्षा पहली से 8वीं तक वाले स्कूलों को फिलहाल नहीं खोला जाएगा। विश्व शिक्षक दिवस के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को खोला जाएगा।

कोरोना महामारी में बचाव बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार ने अनलॉक-5 में स्कूलों को खोलने का फैसला लेने की जिम्मेवारी राज्य सरकारों पर डाली है। हिमाचल में अभी तक कक्षा नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को अभिभावकों के सहमति पत्र पर परामर्श के लिए स्कूल आने की अनुमति दी गई है। हालांकि, इसके तहत भी अभिभावकों के सहमति पत्र की शर्त को जोडऩे की शर्त लगाई जाएगी। 15 अक्टूबर के बाद स्कूल और कॉलेजों में शिक्षकों को 50 फीसद रोस्टर के बजाए सभी को स्कूल बुलाया जा सकता है।

कोरोना कुंभ का मेला नहीं

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने चुटकी लेते हुए कहा कि कोरोना कोई कुंभ का मेला नहीं है जो हर साल आएगा। उन्होंने कहा कि यह महामारी है। ऐसे में स्कूलों को खोलने में जल्दबाजी नहीं करेंगे। पहले बचाव जरूरी है। स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से भी पढ़ाई करवाई जा रही है।

बच्चों को मोबाइल फोन देने पर होगा विचार

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल के दौरान शिक्षकों ने बेहतरीन कार्य किया है। घर पर रहकर बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया है। बच्चों को घर जाकर नोटस मुहैया करवाए हैं। कई छात्रों के पास मोबाइल फोन नहीं थे। उनके लिए शिक्षक संगठनों ने खुद मोबाइल फोन दिए हैं। उन्होंने कहा  कि जो कमियां है उसे दूर किया जाएगा। विभाग ऐसे बच्चों को खुल मोबाइल फोन देने पर विचार कर रहा है।


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