पंचायत समिति व जिला परिषद की वित्तीय शक्तियां बहाल, पंचायतों को सीधे मिलेगी 70 फीसद राशि
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने केंद्र द्वारा मंजूर 15वें वित्त आयोग के तहत पंचायतों को सीधे मिलने वाले सौ फीसद राशि को 70 फीसद कर दिया है।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने केंद्र द्वारा मंजूर 15वें वित्त आयोग के तहत पंचायतों को सीधे मिलने वाले सौ फीसद राशि को 70 फीसद कर दिया है। इसे 70 फीसदी करने से अब पंचायत समिति और जिला परिषद की वित्तीय शक्तियों को बहाल कर दिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बेठक में 15वें वित्त आयोग के तहत राज्यों को मिलने वाले बजट के तहत तीस फीसद में से पंद्रह फीसद पंचायत समीति व पंद्रह फीसद जिला परिषद द्वारा खर्च किया जा सकेगा।
15वें वित्त आयोग में इनकी वित्तिय शक्तियों को छीन लिया गया था। ऐसे में इनके पास कोई भी बजट नहीं रह गया था। अब पंचायत समितियां और जिला परिषद सदस्य ग्रामीण विकास के लिए अपनी मर्जी से जहां पर आवश्यकता होगी बांट सकेंगे।
पंचायत समीतियों व जिला परिषद सदस्यों की वित्तीय शक्तियों को छिनने का कारण चहेतों को विकास के नाम पर पैसों के दुरुपयोग होने की शिकायतें की गई थी। केंद्र सरकार द्वारा 15 वें वित्त आयोग में इन्हें राशि देने पर रोक लगाने के बाद प्रदेश में अपने पास से अलग से बजट की व्यवस्था की गई थी। महिला मंडलों, युवक मंडलों व अन्य संस्थाओं सहित ग्रामीणों द्वारा किए जाने वाले ग्रामीण विकास के कार्यों को राशि दे सकेंगे।
जिला परिषद के 250 सदस्यों के साथ 1673 बीडीसी सदस्य
प्रदेश में 12 जिला परिषद हैं और कुल 250 जिला परिषद सदस्य हैं। जिला परिषद सदस्यों की संख्या वहां की जनसंख्या पर निर्भर करती है प्रदेश में एक जिला परिषद में न्यूनतम दस और अधिकतम 53 संख्या कांगड़ा जिले में हैं। प्रदेश में हर ब्लॉक में एक पंचायत समीति यानी बीडीसी होती है वर्तमान में 78 समीतियों में कुल 1673 सदस्य हैं। एक समीति में न्यूनतम 15 और अधिकतम 45 सदस्य हैं।
429 करोड़ में से मिलेगा पंद्रह-पंद्रह फीसद
15वें वित्त आयोग के तहत 429 करोड़ रुपये में से जिला परिषद व पंचायत समीतियों को पंद्रह-पंद्रह फीसद राशि आबंटित होगी।