पांच लाख कर्मचारी व पेंशनरों काे बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता देने में राजस्व पर पड़ेगा करोड़ों का भार, पढ़ें खबर
पूर्ण राजत्व दिवस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों व पेंशनरों को पांच फीसद महंगाई भत्ता देने की घोषणा की है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। पूर्ण राजत्व दिवस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों व पेंशनरों को पांच फीसद महंगाई भत्ता देने की घोषणा की है। महंगाई भत्ते का भुगतान करने के लिए 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जुलाई महीने से कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का वेतन के साथ भुगतान होगा, जबकि बकाया सभी कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि में जमा होगा।
सरकारी व अर्धसरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों की संख्या 2.54 लाख है, इसमें अनुबंध पर सेवाएं दे रहे 80 हजार कर्मचारी भी शामिल हैं। महंगाई भत्ते की किश्त जुलाई 2019 से देय थी। वर्तमान में सेवानिवृत कर्मचारियों की संख्या 1.71 लाख है। इनकी कुल संख्या पांच लाख के करीब है। राज्य में सेवानिवृत कर्मियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और यह बढ़त का क्रम 2025 तक जारी रहेगा।
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने महंगाई भत्ते का भुगतान करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद किया है। सचिवालय राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष कुलतार सिंह राणा व महासचिव डाॅ. विवेक ज्योति ने भी महंगाई भत्ते के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया है।
153 प्रतिशत हुआ भत्ता
पांच फीसद डीए बढ़ने के बाद प्रदेश के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 153 प्रतिशत हो गया है। केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते का फार्मूला घोषित किया है। जिसके तहत जिन राज्यों ने वेतनमान संशोधन नहीं किया है, ऐसे राज्यों में कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दोगुना मिलेगा, जबकि जिन राज्यों में वेतनमान संशोधन हो चुका है, वहां पर घोषित महंगाई भत्ता ही प्राप्त होगा। राज्य के कर्मचारियाें को दस प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त होना चाहिए था। इसके पीछे कारण ये है कि राज्य में कर्मचारियों के लिए वेतनमान संशोधन नहीं हुआ है।
एक प्रतिशत 50 करोड़
एक प्रतिशत महंगाई भत्ता चुकाने के लिए सरकार को 50 करोड़ रुपये की दरकार रहेगी। पांच प्रतिशत महंगाई भत्ते के लिए 250 करोड़ चाहिए होंगे। सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का पूरा भुगतान होगा। सरकार ने इसी महीने दो बार कर्ज उठाया है। पहली बार एक हजार करोड़ और उसके बाद 500 करोड़ रुपये का कर्ज उठाया है। यानि नए वर्ष में सरकार डेढ़ हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। अभी मौजूदा वित्त वर्ष समाप्त होने में दो महीने का समय बाकी है।