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इस बार फीकी रहेगी हिमाचल के कर्मचारियों की दिवाली, नहीं मिलेगा तोहफा; जानिए वजह

Govt gift to Employees राज्य में पहला मौका है कि सरकारी कर्मचारियों को दिवाली पर सरकार से तोहफा नहीं मिल पाएगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 11:34 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 11:34 AM (IST)
इस बार फीकी रहेगी हिमाचल के कर्मचारियों की दिवाली, नहीं मिलेगा तोहफा; जानिए वजह
इस बार फीकी रहेगी हिमाचल के कर्मचारियों की दिवाली, नहीं मिलेगा तोहफा; जानिए वजह

शिमला, जेएनएन। राज्य में पहला मौका है कि सरकारी कर्मचारियों को दिवाली पर सरकार से तोहफा नहीं मिल पाएगा। इस बार धर्मशाला व पच्छाद हलकों में उपचुनाव के कारण आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी है। ऐसे में साढ़े चार लाख कर्मचारियों व पेंशनरों को महंगाई भत्ते (डीए) के लिए इंतजार करना पड़ेगा। कर्मचारियों व पेंशनरों को सरकार ने अभी तक जनवरी 2019 में घोषित महंगाई भत्ते का भुगतान भी नहीं किया है। इस समय प्रदेश के कर्मचारियों को कुल महंगाई भत्ता का भुगतान करने के लिए हिमाचल सरकार को 840 करोड़ रुपये की आवश्यकता रहेगी। प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की कुल संख्या 2.54 लाख है। इनमें सरकारी विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों में सेवारत कर्मचारी शामिल हैं। इसी तरह 80 हजार से अधिक अनुबंध कर्मचारी हैं।

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वहीं, केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को जुलाई में पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता घोषित किया है। यह नए वेतनमान पर दिया गया है। यदि पुराने वेतनमान को जोड़कर संशोधित महंगाई भत्ता आंका जाए तो आठ प्रतिशत बनेगा यानी प्रदेश के कर्मचारियों को छह प्रतिशत महंगाई भत्ता का भी भुगतान नहीं हो पाया है। कुल 14 प्रतिशत महंगाई भत्ता कर्मचारियों व पेंशनरों को प्राप्त होना है। इस समय राज्य के कर्मचारियों को 148 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है और कुल महंगाई भत्ता 154 प्रतिशत बनता है।

यदि एक प्रतिशत महंगाई भत्ता चुकाना पड़े तो सरकार को 60 करोड़ रुपये चाहिए। पिछला छह प्रतिशत महंगाई भत्ता चुकाने के लिए सरकार को 360 करोड़ रुपये चाहिए। इसी तरह से नया पांच प्रतिशत और संशोधित महंगाई भत्ता भी आंका जाए तो आठ प्रतिशत बनता है। ऐसे में 480 करोड़ रुपये अतिरिक्त चाहिए और कुल मिलाकर महंगाई भत्ते का भुगतान करने के लिए 840 करोड़ रुपये की दरकार है।

इस बार दिवाली पर कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देना संभव नहीं हो पाएगा। इसके पीछे मुख्य कारण ये है कि प्रदेश के दो विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव को देखते हुए आदर्श आचार संहिता लगी है।

-प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वित्त।

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