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    कांगड़ा से भेदभाव, देहरा व नादौन के ठेकेदारों का हुआ भुगतान, भाई भतीजावाद का आरोप; ...बजट सिर्फ फाइलों में कोषागार खाली

    By Dinesh Katoch Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sun, 02 Nov 2025 03:33 PM (IST)

    धर्मशाला में ठेकेदारों ने सुक्खू सरकार पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया है, जिसमें कांगड़ा के ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने 11 नवंबर तक भुगतान न होने पर चक्का जाम की चेतावनी दी है। ठेकेदारों का कहना है कि करोड़ों रुपये लंबित हैं और जीएसटी भरने के लिए भी पैसे नहीं हैं। उन्होंने कांगड़ा के नेताओं से मुख्यमंत्री के समक्ष मामला उठाने की अपील की है।

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    धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत करते जिला कांगड़ा के ठेकेदार। जागरण

    जागरण संवाददाता, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में विकास को गति देने वाले ठेकेदारों के साथ प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार भाई भतीजावाद कर रही है और भुगतान नहीं हो पा रहे हैं। कांगड़ा के ठेकेदारों से सरकार भेदभाव कर रही है, जबकि हमीरपुर नादौन, देहरा व शिमला के ठेकेदारों के भुगतान धड़ाधड़ हो रहे हैं।

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    11 नवंबर के बाद चक्का जाम करेंगे ठेकेदार

    11 नवंबर को कांगड़ा जोन ठेकेदार संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की जाएगी। इस दिन तक अगर ठेकेदारों के भुगतान नहीं होते हैं तो चक्का जाम करने पड़ा तो करेंगे और सरकार के पुतले फूंकने पड़े तो वह भी फूंकेंगे। ठेकेदार विकास की महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जब ठेकेदार को ही भुगतान नहीं होगा तो विकास कार्य ठप पड़ जाएंगे। 

    सीएम से बात उठाएं अन्यथा विरोध के लिए तैयार रहें

    कांगड़ा जिला के कदावर नेताओं से भी आग्रह करेंगे कि मुख्यमंत्री के समक्ष बात को उठाएं अन्यथा ठेकेदारों के विरोध के लिए तैयार रहें। ठेकेदार गोल्डी चौधरी, रोहित शर्मा के साथ अभय बहल, रविंदर सैनी, बलविंदर राणा, कांता पठानिया, रजत चौधरी, निर्मल सिंह व राजकुमार ने संयुक्त पत्रकार सम्मेलन में कहा कि सभी ठेकेदार अलग-अलग विचारधारा के हैं अपनी आवाज सरकार तक पहुंचना चाहते हैं। 11 नवंबर को ठेकेदार संघर्ष समिति का गठन कर विस्तार देंगे।

    जिला कांगड़ा में ठेकेदारों करोड़ों रुपये लंबित

    उन्होंने कहा कि एलओसी लेटर आफ क्रेडिट एक्सियन आफिसर से ट्रेजरी को भेजे गए हैं, पर भुगतान नहीं हो सका है। कांगड़ा सर्कल में सात मंडल जलशक्ति विभाग के हैं और सात ही सर्कल लोनिवि के हैं। कई हेड से ठेकेदारों से काम करवा चुके हैं, लेकिन भुगतान नहीं हुआ है। जिला कांगड़ा के ठेकेदारों के करोड़ों रुपये लंबित हैं।

    लोन के कारण हो रही मुश्किल

    ठेकेदारों ने ऋण, गोल्ड लोन, व्यक्तिगत ऋण की लिमिट बढ़ाई है। अब मुश्किल हो रहा है। 15 दिन में सरकार भुगतान करें नहीं तो सरकार का पुतला फूंकने व चक्का जाम करने से भी गुरेज नहीं करेंगे। 

    कांगड़ा के नेताओं से मिलेंगे ठेकेदार

    कांगड़ा के नेता कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, शाहपुर के विधायक व उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, नगरोटा के विधायक आरएस बाली, पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल आदि से मिलेंगे और मांग करेंगे के कि उनकी भुगतान की मांग को नेता मुख्यमंत्री तक रखें। ठेकेदार विकास का अंग हैं, ठेकेदारों के ही भुगतान नहीं होंगे तो विकास कहां होगा। सरकार ने अपनी सेलरी बढ़ाई पर ठेकेदोरों के बारे में नहीं सोचा। 


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    जीएसटी देने के लिए भी पैसे नहीं

    ठेकेदारों ने कहा कि दो माह से टोकन लग गए हैं तो जीएसटी भी लग गई है, लेकिन भुगतान नहीं हुआ है। दस लाख पर 180000 जीएसटी है। जीएसटी के पैसे देने को पैसे नहीं है। ऐसे में जीएसटी जमा न करने पर इस पर भी जुर्माना लगेगा। ऐसे में ठेकेदार क्या करें। लोनिवि के 25 करोड़ के टोकन व आइपीएच के 15 करोड़ रुपये के टोकन ट्रेजरी में पड़े हैं, करीब 40 करोड़ के टोकनों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। सरकार का बजट सिर्फ फाइलों में बाकि कोषागार खाली हैं।

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