प्रदेश कांग्रेस ने बढ़ाई कांगड़ा में सक्रियता, एकजुटता का संदेश पर लड़ाई नेतृत्व की, पढ़ें पूरी खबर
Kangra Congress Politics प्रदेश की राजनीति में कांगड़ा जिले को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसी जिले से कांग्रेस ने सक्रियता बढ़ाई है।
धर्मशाला, दिनेश कटोच। प्रदेश की राजनीति में कांगड़ा जिले को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसी जिले से कांग्रेस ने सक्रियता बढ़ाई है। कुछ दिन पहले जिया में पार्टी के वरिष्ठ नेता जुटे और कुनबे को एकजुट करने का प्रयास किया। कुछ ऐसे धु्रव यानी नेता भी पास आए जो कभी एक-दूसरे का नाम भी नहीं लेते थे। जब उन्होंने एकजुटता का संदेश दिया तो कार्यकर्ताओं का भी जोश बढ़ा। इसी का नतीजा है कि हिमाचल में कांग्रेस की दूसरी पंक्ति के नेता भी मैक्लोडगंज में एकत्र हो गए। उन्होंने एकजुटता के साथ पार्टी को आगे ले जाने की बात की। हालांकि दोनों ही बैठकों से यह भी संदेश गया कि कांग्रेस में एकजुटता के साथ-साथ लड़ाई प्रदेश नेतृत्व यानी प्रदेशाध्यक्ष को लेकर भी है।
जिया और मैक्लोडगंज में हुई बैठकों में कांग्रेस के भीतर ही आवाज हक के लिए भी उठी। युवाओं ने सीधेतौर पर राजपूतों के हितों की अनदेखी का मुद्दा उठाते हुए सुखङ्क्षवदर सिंह सुक्खू की पैरवी कर डाली और उन्हें प्रदेश में पार्टी की कमान सौंपे जाने की बात कही। जिला कांगड़ा से प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने की राह भी निकलती है। यहीं से अब कांग्रेस की गतिविधियां भी तेज होने लगी हैं। इस सबके बावजूद बड़ी बात यही सामने आई है कि कांग्रेस के भीतर जंग वर्चस्व के लिए ही चल रही है। वैसे कांग्रेस कांगड़ा जिले में खुद को पूरी तरह से एकजुट मान रही है पर अंदरखाते असल लड़ाई पुराने व नए के बीच नेतृत्व की है।
जिला कांगड़ा के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की लड़ाई भी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर है। युवा अग्रिम पंक्ति भी पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को फिर पार्टी का नेतृत्व सौंपने की बात राजपूत वोट बैंक के सहारे उठाने की मांग कर रही है। दोनों ही तरफ से दलील यह भी है कि वह केवल पार्टी की मजबूती की ही बात कर रहे हैं पर लक्ष्य हर किसी का अपना ही है।
दो दिग्गज आए साथ
जिया में हुई बैठक में जीएस बाली व सुधीर शर्मा अरसे के बाद एक मंच पर मौजूद रहे। इस बैठक में एकजुटता के साथ प्रदेश सरकार को घेरने व जिला कांगड़ा से पार्टी को संबल देने पर चर्चा भी हुई। नेता इसलिए भी एकजुट हुए हैं कि अब जंग पार्टी की ही नहीं बल्कि अपने-अपने वर्चस्व को लेकर भी है। कांग्रेस नेताओं अब इस बात को भी समझने लगे हैं कि जिस तरह से भाजपा आगे बढ़ रही है तो कोई भी अकेले उसका मुकाबला नहीं कर सकता है। चर्चा इस बात को लेकर हुई कि पहले भाजपा को तो पीछे धकेला जाए आपसी मनमुटाव तो बाद भी दूर हो सकते हैं।
लोकतंत्र में सभी को बात रखने का हक
सबका अपना-अपना नजरिया है। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का हक है। सभी पार्टी हित को लेकर काम कर रहे हैं। -अजय महाजन, जिला अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी।