Move to Jagran APP

नैक ग्रेडिंग में सुस्त हिमाचल प्रदेश के कॉलेज, नहीं भेजी वार्षिक गुणवत्ता रिपोर्ट, पढ़ें पूरा मामला

Himachal College Neck Grading राज्य के कॉलेज राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ग्रेडिंग सुधारने में रुचि ही नहीं दिखा रहे हैं। राज्य के 100 से ज्यादा कॉलेजों ने नैक को वार्षिक गुणवत्ता रिपोर्ट (एनुअल क्वालिटी रिपोर्ट) भेजी ही नहीं है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 07:16 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 08:03 AM (IST)
नैक ग्रेडिंग में सुस्त हिमाचल प्रदेश के कॉलेज, नहीं भेजी वार्षिक गुणवत्ता रिपोर्ट, पढ़ें पूरा मामला
राज्य के कॉलेज राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ग्रेडिंग सुधारने में रुचि ही नहीं दिखा रहे हैं।

शिमला, अनिल ठाकुर। Himachal College Neck Grading, शिक्षा में गुणवत्ता को लेकर प्रदेश सरकार बड़े बड़े दावे करती है। दूसरी तरफ राज्य के कॉलेज राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ग्रेडिंग सुधारने में रुचि ही नहीं दिखा रहे हैं। राज्य के 100 से ज्यादा कॉलेजों ने नैक को वार्षिक गुणवत्ता रिपोर्ट (एनुअल क्वालिटी रिपोर्ट) भेजी ही नहीं है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कॉलेजों को हर साल यह रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर हर पांच साल बाद नैक की टीम ग्रेडिंग के लिए कॉलेजों का दौरा करती है और कॉलेजों को ग्रेड देती है।

loksabha election banner

हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद ने कॉलेजों के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू किया तो इसका पता चला। हैरानी की बात यह है कि कई कॉलेजों को तो यह पता भी नहीं कि इस तरह की कोई रिपोर्ट नैक को भेजनी होती है, जबकि यूजीसी से लगातार इस बाबत शिक्षा विभाग के साथ पत्राचार हो रहा है। यूजीसी ने हाल ही में विभाग को एक सर्कुलर भेजा था, जिसमें नए फॉर्मेट पर यह रिपोर्ट भेजने को कहा गया था।

इस साल जिन कॉलेजों की ग्रेडिंग होनी है, उन्हें अब नैक से परमिशन लेनी पड़ेगी। उच्च शिक्षा परिषद ने इन कॉलेजों को कहा कि वह नैक को पत्र लिखकर 5 साल की वार्षिक गुणवत्ता रिपोर्ट एक साथ भेजने की परमिशन मांगे।

कैसे होता है मूल्यांकन

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की शाखा है जो विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों की गुणवत्ता का विभिन्न आधारों पर मूल्यांकन करता है। संसाधन एवं परफार्मेंस के आधार पर नैक विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों को ग्रेड देता है। इसका फायदा कॉलेजों को यूजीसी द्वारा अनुदान प्राप्त करने में होता है।

क्या देनी होती है जानकारी

कॉलेज जो सेल्फ स्टडी रिपोर्ट तैयार करता है उसे दो भागों में बांटा जा सकता है। पहले में आधारभूत सुविधाओं को तथा दूसरे में शैक्षणिक गतिविधियों को शामिल किया जा सकता है। आधारभूत ढांचे में कॉलेज की प्रोफाइल, वित्तीय सहयोग, मान्यता की स्थिति, लोकेशन, संचालित पाठ्यक्रम एवं विभाग, शैक्षिक लागत की जानकारी देनी होती है। शैक्षणिक गतिविधियों में कॉलेज का विजन, स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम, शुल्क, समेस्टर, वार्षिक या पार्टटाइम कोर्सेेज, पांच वर्षों में शुरू किए गए कोर्स, सिलेबस रिवीजन, प्रोजेक्ट वर्क, अभिभावक, छात्रों या शिक्षाविदों से फीडबैक का सिस्टम, प्रवेश प्रक्रिया, क्वालीफाइंग मार्क्स, शैक्षणिक कार्य दिवस, पदों की स्थिति, छात्र-शिक्षक अनुपात, शिक्षकों की योग्यता, फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम, रेमेडियल एवं ब्रिज कोर्स, शोध कार्य, रिसर्च पब्लिकेशन, एनसीसी/एनएसएस आदि गतिविधियां, पुस्तकालय एवं उसमें शिक्षकों एवं छात्रों की उपस्थिति की स्थिति, पुस्तकों के प्रकार एवं संख्या, छात्रों का ड्रापआउट रेट।

हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अध्‍यक्ष प्रो. सुनील कुमार गुप्ता का कहना है कई कॉलेजों ने नैक को वार्षिक गुणवत्ता रिपोर्ट नहीं भेजी है। इन कॉलेजों को कहा गया है कि वह नैक से परमिशन मांगकर एक साथ पांच सालों की रिपोर्ट भेजें। यदि नैक इसकी अनुमति देता है तो उसके बाद ही इनकी ग्रेडिंग हो सकेगी।

यह भी पढ़ें: Himachal Coronavirus Cases Update: 40 हजार के करीब पहुंचे एक्टिव केस, कांगड़ा में मौत का आंकड़ा 600 पार

यह भी पढ़ें: Himachal Weather Update: प्रदेश में अभी राहत नहीं देगा मौसम, फ‍िर सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ

यह भी पढ़ें: कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्‍कार के लिए सरकार ने बनाए नोडल अधिकारी, विधायकों को भी दिए निर्देश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.