चंबा में बिना अनुमति के वन विभाग की भूमि पर बना दिए तीन भवन, BDO और जिला अधिकारी को नोटिस जारी
Himachal Chamba News चंबा में बिना वन विभाग की मंजूरी के पंचायत स्कूल व आंनबाड़ी भवन का निर्माण कर दिया गया। इस पर वन मंडल अधिकरी चंबा अमित शर्मा ने विकास खंड अधिकारी मैहला जिला पंचायत अधिकरी चंबा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
चंबा, सुरेश ठाकुर। Himachal Chamba News, हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा में विकास खंड मैहला की ग्राम पंचायत बंदला में बिना वन विभाग की मंजूरी के पंचायत, स्कूल व आंनबाड़ी भवन का निर्माण कर दिया गया। इस पर वन मंडल अधिकरी चंबा अमित शर्मा ने विकास खंड अधिकारी मैहला, जिला पंचायत अधिकरी चंबा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग की ओर से जारी नोटिस में साफ कहा गया है कि निर्धारित समय में संतोषजनक जबाव न मिलने पर निमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
वन विभाग के पास ग्राम पंचायत बंदला में वन विभाग की भूमि पर तीन सरकारी भवनों के निर्माण की शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसके तुरंत बाद विभाग ने टीम को राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मौके पर भेजकर उक्त भवनों की डिमार्केंशन करवाई गई। जिसमें पाया की पंचायत द्वारा पंचायत भवन सहित स्कूल व आंगबाड़ी भवन को वन विभाग की बिना मंजूरी के निर्माण कर दिया है।
इसके बाद वन परिक्षेत्र अधिकरी ने अगामी कार्रवाई करते हुए वन भूमि राजस्व एक्ट 163 के तहत अगामी कार्रवाई के लिए मामला तहसीलदार कार्यालय को भी प्रेषित कर दिया है। साथ ही वन विभाग ने संबधित विकास खंड अधिकारी व जिला पंचायत अधिकरी को नोटिस भेजा है। लिहाज नोटिस का जबाव आने के बाद ही वन विभाग द्वारा अगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
क्या कहते हैं अधिकारी व जनप्रतिनधि
- मैहला विकास खंड अधिकारी मनीष कुमार का कहना है वन मंडल अधिकारी मुझे नोटिस नहीं दे सकते थे। फिर भी मैंने नोटिस का जबाव बनाकर दे दिया है। अगर वन विभाग को नोटिस का जबाव संतोषजनक नहीं लगता है तो वह कर्रवाई कर सकते हैं। अगर जांच में वन विभाग की कोई कमी पाई जाती है तो विकास खंड कार्यालय की ओर से उचित कार्रवई अमल में लाई जाएगी।
- वन मंडल अधिकारी चंबा अमित शर्मा का कहना है मैहला की बंदला पंचायत में वन भूमि पर बिना मंजूरी के भवन निर्माण को लेकर बीडीओ मैहला व जिला पंचायत अधिकारी चंबा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस का जबाव आने के बाद वन विभाग द्वारा अगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
- जिला पंचायत अधिकारी महेश ठाकुर का कहना है मुझे अभी तक कोई भी नोटिस नहीं मिला है। अगर वन विभाग द्वारा कोई नोटिस भेजा गया है तो नोटिस मिलने के बाद उचित जबाव बनाकर विभाग को दे दिया जाएगा।
- बंदला पंचायत की प्रधान नीलम जरयाल ने कहा यह निर्माण कार्य मेरे कार्यकाल में नहीं हुआ है। इस बारे में मुझे कोई भी जानकारी नहीं है। मामले की जानकारी जुटाने के बाद इसके बारे मे जानकारी दे पाऊंगी।
बिना एफसीए के जारी ना हो बजट
वन मंडल चंबा ने चंबा, मैहला व तीसा के खंड विकास अधिकारियों को सर्कुलर जारी कर कहा है कि किसी भी पंचायत को एफसीए की मंजूरी के बिना बजट जारी नहीं किया जाए। अगर किसी पंचायत द्वारा बिना एसफसीए की मंजूरी के वन विभाग की भूमि पर कार्य किया गया तो उसके खिलाफ वन सरंक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाइ्र अमल में लाई जाएगी। जिसकी जिम्मेबारी संबधित अधिकरी की होगी। वन विभाग ने सभी वन परिक्षेत्र अधिकरी, वन खंड अधिकरी व वन रक्षकों भी आदेश दिए है कि अगर कोई वन अधिनियम की अवेहलना करते हुए कोई पाया जाता है तो उसके खिलाफ तुरंत कारवाई अमल में लाई जाए। अगर कोई कर्मचारी व अधिकारी ऐसा नही करता है तो उसके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
दस साल पहले हुआ भवनों का निर्माण
ग्राम पंचायत बंदला में करीब आठ से दस वर्ष पहले उक्त तीनों भवनों का निर्माण पंचायत द्वारा करवाया गया है। मगर लोगों ने वन विभाग की कार्य प्रणाली को ही सवालों के घेरें में खड़ा करते हुए कहा है कि इतने वर्ष पहले जब भवनों का निर्माण हुआ है तो तब विभाग के फिल्ड अधिकारियों ने मौके पर जांच क्यो नही की?। अगर उस समय वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा मौके पर जाकर वन भूमि पर बन रहे भवनों की जांच की होती तो इन तीनों भवनों का सरकारी भूमि पर बिना वन विभाग की मंजूरी के निर्माण हो पाना असंभव था।