स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा न करने पर कांग्रेस ने की नारेबाजी, सीएम बोले- गलत नहीं किया तो डरने की क्या जरूरत
Himachal Monsoon Session मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले विपक्ष कांग्रेस के तेवर जाहिर हो गए जब कांग्रेस की ओर से स्थगन प्रस्ताव दिया गया।
शिमला, जेएनएन। मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले विपक्ष कांग्रेस के तेवर जाहिर हो गए, जब कांग्रेस की ओर से स्थगन प्रस्ताव दिया गया। विधानसभा में सभी विधायी कार्य छोड़कर कोरोना महामारी से पैदा हुई स्थिति पर चर्चा करवाने की मांग की गई। नियम-67 के तहत दिए गए स्थगन प्रस्ताव में तत्काल प्रभाव से कोरोना संकट की स्थिति पर चर्चा करना जरूरी है।
कांग्रेस के नोटिस पर विचार न करने पर सदन में विरोध शुरू कर दिया। काम रोको प्रस्ताव कांग्रेस ने लाया था, जिस पर विचार न करने पर कांग्रेस ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा आपकी बात सुनी जाएगी, पहले नए जो मंत्री बने उनका परिचय जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा खुली चर्चा के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। जब गलत किया ही कुछ नहीं तो डरने की क्या जरूरत है। हिमाचल में कोविड-19 को लेकर सबसे बेहतरीन काम हुआ है। सरकार ने विपक्ष के नियम 67 के काम रोको प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रस्ताव को स्वीकार किया गया है। इसके बाद तीन नए मंत्रियों का परिचय करवाया गया।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष ने इतिहास बनाया है, सरकार को घुटने पर ला दिया और नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव पारित हुआ। अब कोविड-19 को लेकर चर्चा हो रही है।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से एक घंटा पहले ही दे दिया था प्रस्ताव
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी, रामलाल ठाकुर की ओर से दिए गए प्रस्ताव में मांग की गई कि कोरोना के कारण उपजी स्थिति बेहद चिंताजनक है, जिसे देखते हुए सदन में सरकार को इस पर चर्चा करवानी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा राज्य में हालात खराब होते जा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि सरकार दूसरे सभी काम छोड़कर पहले कोरोना महामारी पर चर्चा करे। सरकार की ओर से कोरोना से निपटने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। सदन को अवगत करवाया जाना चाहिए। इस महामारी के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर कितना असर पर पड़ा। इसके साथ-साथ राज्य के कितने लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा।