जीवीके कंपनी ने दिया सरकार को अल्टीमेटम, मांगें न मानने पर इस दिन से बंद कर देंगे एंबुलेंस सेवा
GVK Company Ultimatum प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवाएं प्रदान कर रही जीवीके कंपनी ने प्रदेश सरकार को उनकी मांगा का हल करने के लिए दस अगस्त तक का समय दिया है।
शिमला, जेएनएन। प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवाएं प्रदान कर रही जीवीके कंपनी ने प्रदेश सरकार को उनकी मांगा का हल करने के लिए दस अगस्त तक का समय दिया है। इस दौरान पैसों की समस्या को हल नहीं किया जाता है तो दस अगस्त के बाद प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस सेवा बंद हो जाएगी। प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं के लिए जीवीके दो सौ 108 एंबुलेंस सेवाएं संचालित कर रहे हैं, जबकि प्रसव के बाद अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए 102 एंबुलेंस के तहत 125 एंबुलेंस चल रही हैं।
कंपनी ने साफ तौर पर कहा है कि न्यायालय के निर्देशों और ताजा खार्चों के आधार पर प्रदेश में एंबुलेंस चलाना संभव नहीं है। ऐसे में 30 जून को ही कर्मचारियों को निकाल दिया था और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान के साथ हुई बैठक में उचित हल निकालने के आश्वासन के बाद एंबुलेंस सेवा को शुरू कर दिया था। अभी तक ठोस नीति न बनाए जाने से कंपनी संचालक नाराज हैं और उन्होंने अल्टीमेटम दे दिया है। प्रदेश में सामान्य तौर पर देखा जाए तो औसतन करीब 2500 मरीजों को एक दिन में एंबुलेंस में अस्पताल पहुंचाया जाता है।
क्या कहते हैं अधिकारी व कर्मचारी
- प्रदेश सरकार ने आश्वासन दिया था, लेकिन 31 जुलाई बीतने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस संबंध में सरकार को दस अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया है। तब तक कुछ नहीं होता है तो उसके बाद एंबुलेंस सेवा को बंद कर दिया जाएगा। -अभिषेक, मीडिया प्रभारी जीवीके।
- सरकार कोई ठोस नीति नहीं बना रही है और समय आगे से आगे बढ़ा रही है। सरकार से मांग है कि एंबुलेंस सेवाएं प्रदान कर रहे कर्मचारियों को एनआरएचएम में मर्ज किया जाए। -पूर्ण चंद, अध्यक्ष 108 एंबुलेंस सेवा।
- एंबुलेंस सेवा को लेकर कोई समस्या नहीं है। कंपनी के साथ पहले बात हो चुकी है और वह नियमित तौर पर सेवाएं देंगे। उनकी जो समस्या है उस पर सरकार ने विचार करने को कहा है और विचार किया जा रहा है। -आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य।