जीपीएस से अधिक सुरक्षित बनेगी पैराग्लाइडिंग और ट्रैकिंग, मंत्री गोविंद ठाकुर ने अधिकारियों को दिए निर्देश
Paragliding हिमाचल प्रदेश में साहसिक गतिविधियों को और अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में साहसिक गतिविधियों को और अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा। पैराग्लाइडिंग और ट्रैकिंग के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) का इस्तेमाल होगा। साहसिक गतिविधियों का संचालन करवाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। जीपीएस से रास्ता भटकने वालों का पता लगाने के साथ उन्हें समय पर मदद प्रदान की जा सकेगी।
शिक्षा, भाषा एवं कला संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए साहसिक पर्यटन को और सुरक्षित बनाने के निर्देश दिए। साहसिक गतिविधियों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए विविध साहसिक गतिविधियों संबंधी नियम तैयार किए जा रहे हैं। पैराग्लाइडिंग और ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों के संचालन के लिए जीपीएस ट्रैकिंग जैसी प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। कठिन ट्रैकिंग रूटों पर जाने वाले पर्यटकों और गाइडों की सुरक्षा के लिए जीपीएस ट्रैकिंग बैंड जरूरी है।
पर्यटन विभाग की ओर से प्रदेश में साहसिक गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। प्रदेश में साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन, वन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के मध्य समन्वय स्थापित किया जाएगा। बैठक में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक यूनुस व साहसिक खेलों से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रशिक्षकों ने हिस्सा लिया।