सड़क की घटिया गुणवत्ता पर नपेंगे इंजीनियर, संतोषजनक कार्य न होने पर होगी जवाबदेही; सीएम ने दी चेतावनी
सड़कों की गुणवत्ता पर सरकार सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इंजीनियर को कार्यालयों में बैठने की बजाय फील्ड में जाने व कार्यों की गुणवत्ता जांचने के निर्देश दिए हैं।
शिमला, जेएनएन। सड़कों की गुणवत्ता पर सरकार सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इंजीनियर को कार्यालयों में बैठने की बजाय फील्ड में जाने व कार्यों की गुणवत्ता जांचने के निर्देश दिए हैं। एक दिन पहले गुणवत्ता नियंत्रण विंग की प्रस्तुति में सामने आए तथ्यों के बाद सरकार सख्त हुई है।
सीएम ने लोक निर्माण विभाग को आगाह किया है कि गुणवत्ता से समझौता न करें। जहां कार्य संतोषजनक नहीं है, वहां ठेकेदारों के साथ इंजीनियरों की भी जवाबदेही तय होगी। गंभीर लापरवाही पाए जाने पर चार्जशीट किए जाएंगे। पहले इंजीनियरों का जवाब यही होता था कि संतोषजनक कार्य न होने की हालत में इसे ठीक कर दिया है। लेकिन ऐसा हुआ क्यों, इसका भी जवाब देना होगा। इनसे पूछताछ होगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि अफसर कोरोना संकट में सुस्त न हो जाएं। विभाग में निर्माण कार्याें की रफ्तार पकड़ सकें, इसके लिए फील्ड में जाएं। जेई से लेकर चीफ इजीनियर तक सावधान हो जाएं।
शिमला-मटौर सड़क का मरम्मत मामला मंत्रालय से उठाएंगे
सीएम ने शिमला-मटौर सड़क में मरम्मत की कमी बताई। यह सड़क फोनलेन होनी है, इस कारण लोक निर्माण विभाग से नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) के हवाले की गई है। इसका जिम्मा मरम्मत का भी है, पर न तो मंत्रालय यह कार्य कर पा रहा है अैर न ही विभाग। तय हुआ कि इस मसले को प्रधान सचिव लोक निर्माण जेसी शर्मा मंत्रालय के साथ उठाएंगे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत इस वित्त वर्ष प्रदेश की 230 बस्तियों में 4960 किलोमीटर लम्बी सड़कों के निर्माण के लिए 1666 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
इन पर कार्य आरंभ
लॉकडाउन में छूट के बाद 1428 सड़कों, पुलों और भवन निर्माण कार्य आरंभ किया गया है। इनमें तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे करीब 16450 श्रमिक लाभान्वित हुए हैं। प्रदेश की कुल 3226 पंचायतों में से 3142 पंचायतों को वाहन योग्य सड़कों से जोड़ा जा चुका है और 84 पंचायतों को जोडऩे का कार्य प्रगति पर है। ग्रामीण सड़कों की मरम्मत के लिए 306 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सड़कों की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए हैं। जो भी शिकायत आएगी, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम पीएमजीएसवाई सड़कों की मॉनीटरिंग और प्रभावी तरीके से कर रहे हैं। -ललित भूषण, ईएनसी, गुणवत्ता नियंत्रण विंग।