लॉकडाउन में फूल मुरझाए तो अपनाया कमाई का नया तरीका, गगरेट के मुश्ताक अहमद का खूब चला कारोबार
Gagret Farmer Mushtaq Ahmed मुश्ताक अहमद का पहले पॉलीहाउस में पहले फूलों का कारोबार था। फूल न केवल प्रेम के प्रतीक हैं बल्कि देवी देवताओं शादी विवाह व अन्य बहुत से कार्यो के लिए भी काम आते हैं।
गगरेट, अविनाश विद्रोही। कहते हैं इंसान के दिल का रास्ता पेट से होते हुए जाता है। बीते वर्ष पेट की भूख की व्याख्या पूरे विश्व ने बेहद नजदीक से देखी जब कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने पूरे देश में तालाबंदी की नौबत ला दी। इस तालाबंदी ने वैश्विक स्तर पर कारोबार को प्रभावित किया। लेकिन कुछ लोगों ने हार नहीं मानी और टूटे हुए ख्वाबों की कश्ती बनाकर फिर से दरिया पार करने की सोची। गगरेट के नामी बागवान ने स्थिति व नुकसान को भांपते हुए सब्जी उत्पादन शुरू किया और फूल बिक्री से भी बेहतर कमाई कर रहे हैं। वह लाखों रुपये की सब्जी बेच रहे हैं व कइयों को रोजगार भी प्रदान किया है।
मुश्ताक अहमद का पहले पॉलीहाउस में पहले फूलों का कारोबार था। फूल न केवल प्रेम के प्रतीक हैं बल्कि देवी देवताओं शादी विवाह व अन्य बहुत से कार्यो के लिए भी काम आते हैं। शायद यही कारण था गगरेट निवासी इस शख्स ने आशा देवी बैरियर के पास 26 एकड़ में पॉलीहाउस लगाकर फूलों का व्यापार शुरू किया। व्यापार का इतना प्रसार हुआ कि यह हिमाचल के सबसे ज्यादा उत्पादन वाला पॉलीहाउस बना। 30000 फूल प्रति दिन इस पॉलीहाउस से बाज़ार के लिए जाते थे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गांव के लोग इस पॉलीहाउस में फूलों की खेती की ट्रेनिंग लेकर गए, ताकि वो भी फूलों का व्यापार शुरू कर पाएं। इतना ही नहीं प्रदेश के एक दो मंत्री भी इन पॉलीहाउस को देखने के लिए विशेष रूप से आ चुके हैं। लेकिन कोविड की वजह से फूल बिकना बंद हो गए और फूलों को फेंकना पड़ा। लाखों फूल पॉलीहाउस संचालकों ने नष्ट कर दिए और तमाम पौधे उखाड़ फेंके। पॉलीहाउस संचालकों ने मार्केट को समझा और जाना कि सब्जी 12 महीने प्रयोग हो रही है और लॉकडाउन में रोक भी कोई नहीं है, क्योंकि आवश्यक वस्तु की सूची में शामिल है। अब वही पॉलीहाउस दो टन खीरा, 2 टन शिमला मिर्च और खरबूजा उगा रहे हैं। इन्होंने और भी कई लोगों को रोजगार दिया है।
ये सब्जी स्थानीय मंडी के अलावा पंजाब के कई शहरों व चंडीगढ़ में भेजी जा रही है। स्थानीय सब्जी विक्रेता भी यहां से सब्जी ले रहे हैं। अगले महीने तक सब्जी का उत्पादन तीन गुणा और बढ़ जाएगा, क्योंकि अभी अधिकतर पॉलीहाउस को फिर से तैयार किया जा रहा है, ताकि उनमें कोई नई सब्जियां उगाई जाएं।
लॉकडाउन ने सिखाया
पॉलीहाउस मालिक मुश्ताक अहमद का कहना है फूलों के बिना तो रह सकते हैं। लेकिन पेट के लिए खाना जरूरी है यह बात लॉकडाउन में समझ आई, जब बहुत नुकसान हुआ। लेकिन हमने फूल छोड़ कर सब्जियों का व्यापार शुरू कर दिया। अब हम सब्जी का रिकॉर्ड उत्पादन कर रहे हैं।
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युवा लें प्रेरणा, शुरू करें स्वरोजगार : विधायक
गगरेट के विधायक राजेश ठाकुर का कहना है युवा स्वरोजगार के रूप में इन पॉलीहाउस से प्रेरणा ले सकते हैं और अच्छा कारोबार शुरू कर सकते हैं। इसमे सरकार की तरफ से मदद मिलती है। गगरेट के युवाओं के लिए ये पॉलीहाउस एक आदर्श प्रस्तुत करते हैं।