हिमाचल में सेब बागवानों के पसीने की कमाई डकार गए आढ़ती और खरीदार, लगाया 22 करोड़ का चूना
Fruad with Apple Farmer सेब बागवानों की पसीने की कमाई आढ़ती व खरीदार डकार गए हैं। सरकार ने माना है कि यह लूट 22 करोड़ की हुई है।
धर्मशाला, जेएनएन। सेब बागवानों की पसीने की कमाई आढ़ती व खरीदार डकार गए हैं। सरकार ने माना है कि यह लूट 22 करोड़ की हुई है। यह बात अब तक की सीआइडी जांच से सामने आई है। सीआइडी की एसआइटी के पास 15 नवंबर तक 573 शिकायतें आई हैं। इनके अलावा 6 करोड़ 52 लाख की रिकवरी हो गई है। यह पैसा प्रभावित बागवानों को लौटा दिया है। इसे लेकर कुल 92 एफआइआर दर्ज हैं। सरकार ने इन शिकायतें की सच्चाई स्वीकार की है। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।
सोमवार को विधायक राकेश सिंघा के सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जानकारी दी कि एसआइटी इसी वर्ष चार मई को गठित हुई थी। तबसे अब तक यानी 15 नवंबर तक 573 शिकायतें आईं। इन शिकायतों में 22 करोड़ 2 लाख 70 हजार रूपये डकारने का आरोप है। इनके अलावा 6 करोड़ 52 लाख रुपये की रिकवरी हो चुकी है। यह रिकवरी सीआइडी व एपीएमसी के माध्यम से की गई है।
अब देनी होगी बैंक गारंटी
सेब खरीदारों व आढ़तियों को अब बैंक गारंटी देनी होगी। अगर वे पैसा लेकर फरार हुए तो बैंक गारंटी जब्त होगी। एपीएमसी एक्ट को सरकार सख्ती से लागू करेगी। अभी तक इसे लागू नहीं किया जा रहा था।
चार हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था
सेब की हिमाचल में चार हजार करोड़ से अधिक की अर्थव्यवस्था है लेकिन कई वर्षों से आढ़तियों ने लूट मचा रखी है। आरोप है कि कृषि उपज मंडी समिति यानी एपीएमसी और मार्केंटिंग बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में नाकाम रहे हैं। इन नियामक संस्थाओं ने एपीएमसी एक्ट को प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया। इस कारण बागवान ठगी के शिकार हो गए।