त्रिगर्त संस्कृत महाविद्यालय चामुंडा में होती है निशुल्क शास्त्री की पढ़ाई
वैसे तो सरकार द्वारा अधिकृत मदिरों में जन सेवा के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर मे सभी वर्ग के छात्रों को निशुल्क कर्मकांड तथा शास्त्री की शिक्षा प्रदान की जाती है।
योल, सुरेश कौशल। वैसे तो सरकार द्वारा अधिकृत मंदिरों में जन सेवा के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर मे सभी वर्ग के छात्रों को निशुल्क कर्मकांड तथा शास्त्री की शिक्षा प्रदान की जाती है। जिनके लिए छात्रावास तथा खाने की व्यवस्था भी मंदिर प्रशासन द्वारा ही की जाती है। वर्ष 1971-72 के दौरान मंदिर कमेटी ने संस्कृत विद्यालय का संचालन शुरू किया गया । उस समय केवल कर्मकांड विषय पर ही शिक्षा दी जाती थी ।
चार मार्च 1994 को हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान एंव पूर्त विन्यास अधिनियम 1984 के प्रावधानों के अंतर्गत श्री चामुंडा नंदिकेश्वर मंदिर का प्रबंधन सरकारी तथा गैर सरकारी सदस्यों के गठित न्यास द्वारा संभालने पर संस्कृत महाविद्यालय मे सभी वर्गो के छात्रों को निशुल्क शिक्षा ग्रहण करने का प्रावधान रखा गया। एआज भी इसी महाविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर दर्जनों विधार्थी कई स्कूलों में शास्त्री अध्यापक की सेवाएं दे भी रहे हैं ओर दे भी चुके हैं।
संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य हरीश शर्मा ने वताया कि मौजूदा समय मे 110 छात्र कर्मकांड ओर शास्त्री की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं । वहीं मंदिर अधिकारी अपूर्व शर्मा ने बताया कि सभी वर्गों के छात्रों को संस्कृत महाविद्यालय में निशुल्क शिक्षा मुहैया कराई जा रही है ।