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गर्भवती महिलाओं से प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना के नाम पर ठगी, जानिए पूरा मामला

Fraud with pregnant Ladies ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वाले शातिर दिन-ब-दिन हाइटेक होते जा रहे हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 09:27 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 05:10 PM (IST)
गर्भवती महिलाओं से प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना के नाम पर ठगी, जानिए पूरा मामला
गर्भवती महिलाओं से प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना के नाम पर ठगी, जानिए पूरा मामला

धर्मशाला, मुनीष गारिया। ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वाले शातिर दिन-ब-दिन हाइटेक होते जा रहे हैं। एटीएम कार्ड बदलकर रुपये लूटने का दौर इन दिनों थोड़ा थम गया है, क्योंकि उन्हें ऐसी वारदातों को अंजाम देने का अतिरिक्त विकल्प मिल गया है। पिछले दो माह से कांगड़ा की गर्भवती महिलाओं एवं जननियों के बचत खाते सुरक्षित नहीं हैं। शातिर छह हजार रुपये का लालच देकर उनके खातों से हजारोंं रुपये साफ कर रहे हैं। शातिरों तक यह जानकारी कैसे पहुंच रही है कि किस क्षेत्र की कौन से महिला गर्भवती है।

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इस बाबत अभी तक न तो महिला एवं बाल विकास विभाग को कामयाबी मिल पाई है और न ही दर्ज हुई शिकायतों की फाइलों में अटी धूल पुलिस प्रशासन हटा पाया है। इस साल जनवरी से अब तक महिलाओं से साइबर ठगी की चार वारदातें हो चुकी हैं।

क्या है प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना

प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है। यह योजना भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से चलाई जा रही है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं को छह हजार की नकद राशि सम्मान स्वरूप दी जाती है। योजना का उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करना है।

कैसे पहुंच रहा रिकॉर्ड

गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण आंगनबाड़ी व आशा वर्कर के पास होता है। महिला एवं बाल विकास विभाग के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण किया जाता है। पंजीकरण के समय गर्भवती महिला का नाम, पता, मोबाइल नंबर व खाता नंबर लिया जाता है। यह सारा रिकॉर्ड ठगों तक कैसे पहुंच रहा है, इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। संबंधित विभाग भी इससे परेशान है।

ऐसे दे रहे वारदातों को अंजाम

शातिर गर्भवती महिलाओं को फोन कर झांसा देते हैं कि उनके खाते में जननी सुरक्षा योजना के तहत छह हजार रुपये डाले जाने हैं। इसके लिए वह मोबाइल फोन नंबर की जानकारी लेते हैं। इसके बाद मोबाइल फोन पर आने वाले वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की जानकारी लेते हैं और बाद में खातों से रुपये निकाल लेते हैं।

कांगड़ा में अब तक हुए मामले

  • 24 जनवरी : नूरपुर में गर्भवती महिला के बचत खाते से 40 हजार रुपये किए साफ।
  • 28 जनवरी : फतेहपुर में महिला के अकाउंट से 14,600 रुपये उड़ाए।
  • 4 फरवरी : गरली में महिला के खाते से 50 हजार रुपये पर मारा हाथ।
  • 15 फरवरी : देहरा के निचला भलवार में महिला के अकाउंट से 10 हजार रुपये निकाले।

कैसे करें साइबर ठगी से बचाव

  • बैंक खातों की गोपनीय जानकारी किसी को न दें।
  • खाते दुरुस्त करने के नाम पर जानकारी मांगने वालों को कुछ न बताएं।
  • एटीएम कार्ड का पासवर्ड शेयर न करें।
  • अगर कोई लॉटरी के नाम पर कुछ पूछे तो कुछ न बताएं।
  • सुरक्षा के दृष्टिगत बचत खाते में 30 या 40 हजार रुपये से ज्यादा बैलेंस न रखें।

क्‍या कहते हैं अधिकारी

  • साइबर ठगी से बचने के लिए अपने स्तर पर एहतियात बरतनी जरूरी है, तभी आपका पैसा सुरक्षित रह सकता है। साइबर ठगी के खिलाफ समय-समय पर जागरूकता शिविर लगाए जाते हैं। गर्भवती महिलाओं से हुई ठगी के मामलों की जांच की जा रही है। -विमुक्त रंजन, पुलिस अधीक्षक, कांगड़ा।
  • पिछले कुछ दिनों से ठगी की घटनाएं सामने आ रही हैं। महिलाओं से अपील है कि फोन पर किसी को भी खातों की जानकारी न दें। विभाग का सॉफ्टवेयर पूर्ण से सुरक्षित है, लेकिन जिले में लगातार हो रही वारदातें चिंतनीय हैं। -रणजीत सिंह, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, कांगड़ा।

इस तरह हुई इन महिलाओं से ठगी

  • केस स्टडी एक

    24 जनवरी, 2020 को उपमंडल नूरपुर के तहत जोंटा क्षेत्र की महिला को योजना के तहत पैसे देने के नाम पर एक व्यक्ति ने फोन किया। शातिर ने कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी है और वह सभी पात्र महिलाओं के खाते में ऑनलाइन पैसे डाल रहा है। जल्द से बैंक खाते की जानकारी दो। बातों ही बातों में शातिर ने महिला से खाते की जानकारी ले ली और ओटीपी भी मांग लिया। नतीजा पीडि़ता के खाते से 40 हजार रुपये साफ हो गए।

  • केस स्टडी दो

    20 जनवरी, 2020 को उपमंडल नूरपुर के भडवार क्षेत्र की महिला को फोन आया। शातिर ने कहा कि वह चंडीगढ़ से डॉक्टर बोल रहा है और योजना का जो पैसा आपको मिलने वाला है, उसके लिए कुछ जानकारी चाहिए। शातिर ने कहा कि जानकारी अपडेट होने के बाद उसके खाते में छह हजार रुपये डाल दिए जाएंगे। महिला ने सारी जानकारी दे दी। कुछ ही मिनट बाद मोबाइल फोन पर खाते से पैसे निकालने का संदेश आया। महिला के अकाउंट से चार हजार रुपये निकाल लिए गए थे।

  • केस स्टडी तीन

    4 फरवरी, 2020 को गरली गांव की एक महिला ने बताया कि उसका नाम व मोबाइल फोन नंबर आंगनबाड़ी केंद्र व गांव की आशा वर्कर के पास पंजीकृत है। गत दिनों मोबाइल नंबर पर अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया। शातिर ने कहा कि वह डॉक्टर है और उसने प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत खाते में रुपये डालने हैं। आरोपित ने महिला से खाते की सारी जानकारी ले ली। फोन कट होने की थोड़ी देर बाद ही महिला के अकाउंट से 50 हजार रुपये साफ हो गए।


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