जंगल में आग लगाई तो दर्ज होगी एफआइआर, लॉकडाउन में वन विभाग बरतेगा सख्ती; ये बीट संवेदनशील
कोरोना महामारी के कारण लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से फायर सीजन में इस बार जंगल की आग बुझाने में जनता का सहयोग न मिलने पर वन विभाग कड़ी सख्ती अपनाएगा।
धर्मशाला, राजेंद्र डोगरा। कोरोना महामारी के कारण लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से फायर सीजन में इस बार जंगल की आग बुझाने में जनता का सहयोग न मिलने पर वन विभाग कड़ी सख्ती अपनाएगा। साथ ही जंगल में आग लगाने पर व्यक्ति विशेष के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवाएगा। 15 अप्रैल से फायर सीजन शुरू होने जा रहा है और इसके लिए विभाग के वन वृत धर्मशाला के अधिकारियों ने तैयारियां कर ली हैं और जून तक कर्मियों की छुट्टियां भी रद कर दी हैं।
क्या है जंगलों की स्थिति
वन वृत कार्यालय धर्मशाला के तहत धर्मशाला, नूरपुर व पालमपुर वनमंडल आते हैं और इनमें करीब 1,53,046.961 हेक्टेयर वन क्षेत्र में से 25009.36 हेक्टेयर आगजनी की दृष्टि से संवेदनशील है। ऐसे में इन क्षेत्रों में ज्यादा नजर अधिकारियों की रहेगी। तीनों वनमंडलों में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए 241.88 किलोमीटर फायर लाइनिंग की गई है। इसके अलावा 178 फॉरेस्ट वर्कर, 221 फॉरेस्ट गार्ड व 65 डिप्टी रेंजर को तैनात किया गया है।
बरती जाएगी सख्ती : अरण्यपाल
फायर सीजन में जंगलों और वन्य जीवों को बचाने के लिए वन विभाग इस बार कोरोना महामारी के कारण जनता का सहयोग नहीं ले पाएगा। इस बार विभाग ज्यादा सख्ती अपनाएगा और जो भी जंगल में आग लगाएगा उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। -डीआर कौशल, अरण्यपाल, वन वृत्त धर्मशाला।
वन वृत कार्यालय में मुख्य नियंत्रण कक्ष
फायर सीजन के मद्देनजर वन वृत से लेकर वन परिक्षेत्र कार्यालयों तक नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। धर्मशाला वृत कार्यालय में मुख्य नियंत्रण कक्ष होगा। धर्मशाला, पालमपुर व नूरपुर कार्यालयों में वनमंडल स्तर जबकि वन परिक्षेत्र कार्यालयों में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।
वन वृत धर्मशाला में 103 बीट संवेदनशील
धर्मशाला वृत के तहत तीन वनमंडल धर्मशाला, पालमपुर व नूरपुर आते हैं। यहां 15 वन परिक्षेत्र हैं। यहां 209 बीटों में से 103 संवेदनशील हैं।