Move to Jagran APP

पौंग बांध में बर्ड फ्लू से मरे विदेशी परिंदे

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में विदेशी परिंदों की मौत बर्ड फ्लू से हुई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 08:40 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 08:40 PM (IST)
पौंग बांध में बर्ड फ्लू से मरे विदेशी परिंदे
पौंग बांध में बर्ड फ्लू से मरे विदेशी परिंदे

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में विदेशी परिंदों की मौत बर्ड फ्लू से हुई है। भोपाल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान ने विदेशी परिंदों की एच5एन1 फ्लू से मौत की पुष्टि की है। इसे एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है। इससे पहले जालंधर और पालमपुर के कृषि विश्वविद्यालय में हुई जांच में वायरल की पुष्टि तो थी लेकिन फ्लू के प्रकार का पता नहीं चल पाया था। पौंग झील में अब तक 15 प्रजातियों के 1700 से अधिक विदेशी परिंदे दम तोड़ चुके हैं।

prime article banner

उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने सोमवार को वन्य प्राणी विभाग व पशुपालन विभाग के अधिकारियों से बैठक कर जिले के चार उपमंडलों इंदौरा, फतेहपुर, जवाली व देहरा में मछली, मुर्गे व अंडों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये चारों उपमंडल पौंग झील से सटे हैं। इसके अलावा पोल्ट्री फार्माें में भी विशेष एहतियात बरतने की सलाह प्रशासन ने दी है। पौंग बांध के एक किलोमीटर क्षेत्र को अलर्ट जोन जबकि उसके आगे के क्षेत्र को सर्विलेंस जोन बनाया है। अलर्ट जोन में प्रशासन व वन्य प्राणी विभाग की विशेष नजर रहेगी। विभागीय टीमें क्षेत्र में लगातार गश्त करेंगी। यहां प्रशासन ने तीन दिन पहले ही पर्यटन गतिविधियों को बंद कर दिया था। पोल्ट्री फार्म में बीमारी के किसी तरह के लक्षण पाए जाने पर निशुल्क नंबर 1077 पर सूचना दी जा सकेगी। जिला प्रशासन ने रेपिड रिस्पांस टीम गठित करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके साथ ही वन विभाग को स्थिति की निरंतर निगरानी करने के निर्देश भी दिए हैं। ये रहेंगी पाबंदियां

-बांध से सटे एक किलोमीटर के क्षेत्र में नहीं चरा सकेंगे पशु।

-खेतीबाड़ी से जुड़ी गतिविधियां भी बंद रहेंगी।

-उल्लंघन करने पर होगा 50 हजार रुपये का जुर्माना

-पोल्ट्री संचालक तथा मांस विक्रेता कहीं भी मुर्गा या मांस नहीं बेच पाएंगे

.............

'इस दौरान बर्डफ्लू खतरनाक है। पक्षियों से दूर रहना चाहिए क्योंकि यह मनुष्यों में भी फैल सकता है। हालांकि यह पहली घटना नहीं है लेकिन अगर यह मनुष्यों में आ जाता है तो सभी एसओपी वही होंगे जो कोरोना के लिए अपनाए जाते हैं, इसलिए सावधान रहने की आवश्यकता है।'

-डॉ. राजेश शर्मा, सेवानिवृत्त प्रोफेसर मेडिसिन, राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज टांडा, कांगड़ा

.................

भोपाल लैब से एच5एन1 यानी एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है। पौंग झील से सटे क्षेत्रों में मछली, मुर्गे पर अंडों की बिक्री करने वाली दुकानें आगामी आदेश तक बंद रहेंगी।

-राकेश कुमार प्रजापति, उपायुक्त कांगड़ा

.........

एच5एन1 है क्या

यह ऐसा फ्लू है जो पक्षी के फेफड़ों पर हमला करता है यानी न्यूमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमित पक्षियों के बेहद नजदीक जाने पर यह मनुष्यों में भी हो सकता है। सांस का उखड़ना, गले में खराश, तेज बुखार, मांसपेशियों और पेट दर्द आदि इसके लक्षण हैं। छाती में दर्द और दस्त भी इसी के लक्षण हैं। इससे पहले भी यह फ्लू आ चुका है। इससे पोल्ट्री से संबद्ध आर्थिक गतिविधि चरमरा जाती है और भय भी फैलता है। इसे फैलने से रोकने के लिए कलिंग का सहारा भी लिया जाता है। इसका अर्थ है कि पक्षी को अलग कर के मार दिया जाए ताकि संक्रमण का प्रसार न हो सके। बेशक इससे पोल्ट्री उत्पादों के प्रति भय जागता है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अगर सामान्य तापमान में खाना पकाया जाए तो वायरस निष्प्रभावी हो जाता है। एशिया, अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और यूरोप के कुछ भागों में यह फ्लू अधिक देखने को मिलता है। ज्यादातर अधिक मामलों में जिन लोगों को बर्ड फ्लू होता है वे बीमार पक्षियों के संपर्क में अधिक रहते हैं। माइग्रेटिग वाटर फाउल - विशेष रूप से जंगली बतख बर्ड फ्लू के प्राकृतिक वाहक हैं। हालांकि ऐसा भी कहा जा सकता है कि यह संक्रमण जंगली मुर्गी से घरेलू मुर्गी में भी फैल सकता है।

..................

बर्ड फ्लू को लेकर विदेशी परिदों में लक्षण आए हैं। लोगों को एहतियात बरतने के लिए कहा गया है। अगर किसी को बर्ड फ्लू के लक्षणों सांस लेने, उल्टी होने, बुखार, नाक के बहने सहित सिर में दर्द होने की शिकायत पेश आती है तो वह तुरंत अस्पताल में जाएं। इन बातों को हल्कें में न लें।

डा. गुरदर्शन गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.