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पौंग बांध में विदेशी परिंदों की गिनती शुरू

अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में वन्य प्राणी विभाग ने विदेशी प¨रदों की वार्षिक गणना मंगलवार को शुरू कर दी। इस कार्य में 26 टीमें जुटी हैं और पूरे क्षेत्र को सात सैक्टरों में बांटा गया है। गणना कार्य में वन्य प्राणी विभाग के

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 08:43 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 08:43 PM (IST)
पौंग बांध में विदेशी परिंदों की गिनती शुरू
पौंग बांध में विदेशी परिंदों की गिनती शुरू

संवाद सूत्र, नगरोटा सूरियां : अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में वन्य प्राणी विभाग ने विदेशी प¨रदों की वार्षिक गणना मंगलवार को शुरू कर दी। इस कार्य में 26 टीमें जुटी हैं। पूरे क्षेत्र को सात सेक्टरों में बांटा गया है। गणना कार्य में वन्य प्राणी विभाग के विशेषज्ञों के अलावा बांबे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी, हिमाचल बर्ड क्लब, एशियन वाटर फाल सेंसिज, वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन सोसायटी व कई अन्य संस्थाओं के विशेषज्ञ जुटे हुए हैं।

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वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ कृष्ण कुमार ने बताया कि विदेशी प¨रदे ट्रांस हिमालय क्षेत्रों जैसे तिब्बत, सेंट्रल एशिया, रशिया व साइबेरिया से इन दिनों यहां पर पहुंचते हैं। पौंग डैम की रामसर साइट इन प¨रदों के लिए एक बेहतर पसंदीदा जगह बनी हुई है। इनके अलावा झील में 41 स्थानीय प्रजातियों के पक्षी, सांप की 18 प्रजातियां, तितलियों की 95 विभिन्न प्रजातियां यहां पाई जाती हैं।

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ये प¨रदे बनते हैं मेहमान

बार हैडिड गूज, यूरेशियन, कॉमन पॉचर्ड, लिटल कर्मोनेंट, नार्दन पिनटेल, ग्रेट कर्मोनेंट, कामन टिल, माइग्रेट्स, स्थानीय प्रजाति में मिउगिल, ब्लैकटेल्ड गोडविट, केस्पिअन गुल, वाटर रेल, व्हाइट स्ट्रोक व रफ पौंग झील में हर साल प्रवासी प¨रदे मेहमान बनते हैं।


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