कांगड़ा में आलू बीज खरीदने से किसानों ने किया तौबा, प्याज की पनीरी से बनाई दूरी, जानिए क्या है वजह
Potato Farming अालू जिला कांगड़ा के पठियार सहित करीब पूरे हिस्से में मुख्य रूप से बीजा जाता है। रबी की फसल के दौरान अालू को यहां के किसान मुख्य रूप से बीजते हैं। लेकिन एेसी क्या वजह है कि किसान मांग होने के बावजूद बीज को नहीं उठा रहे हैं।
धर्मशाला, जेएनएन। अालू जिला कांगड़ा के पठियार सहित करीब पूरे हिस्से में मुख्य रूप से बीजा जाता है। रबी की फसल के दौरान अालू को यहां के किसान मुख्य रूप से बीजते हैं। लेकिन एेसी क्या वजह है कि किसान मांग होने के बावजूद बीज को नहीं उठा रहे हैं। अगर किसानों की बात की जाए तो किसान के खेत अालू लगाने के लिए तैयार हैं, पर वह बीज नहीं उठा पा रहा है। जहां किसान अालू लगाने से परहेज कर रहा है वहीं प्याज लगाने के लिए पनीरी से भी हाथ पीछे खींचने लगा है। इसका मुख्य कारण बाजार में जो अालू बीज मिल रहा है उसके दाम बढ़ गए हैं। वहीं प्याज की पनीरी के दाम भी सिर पर चढ़े हुए हैं। दरअसल अालू बीज 51 से साठ रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है अौर प्याज ने अपने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक किलो पनीरी 200 रुपये तक जा पहुंची है। प्याज की पनीरी लगाने वाले किसान भी प्याज की हाइब्रीड पनीरी की कीमतों के कारण उससे तौबा कर चुके हैं। अन्य किस्मों के प्याज की पनीरी ही 200 रुपये में बिक रही है।
1500 क्विंटल अालू बीज की है मांग
जिला कांगड़ा से 1500 क्विंटल आलू बीज की डिमांड होने के बावजूद अभी तक 500 क्विंटल बीज ही किसानों द्वारा उठाया गया है। बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से आलू बीज का रेट 51 रुपये तय किया गया है, जो काफी अधिक है। ऐसे में इस बार किसान आलू बीज लेने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं। कांगड़ा जिला सहित चंबा, ऊना, हमीरपुर व मंडी में आलू की बिजाई की जाती है। इन जिलों में 970 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती की जाती है। आलू का बीज लाहुल से आता है।
अभी पांच सौ क्विंटल बीज उठा
कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त निदेशक डाक्टर डीआर राजू का कहना है जिला कांगड़ा में 1500 क्विंटल आलू बीज की डिमांड की गई थी, जिसमें से अभी किसानों ने 500 क्विंटल ही उठाया है। किसानों का कहना है कि इस मर्तबा सरकार की ओर से आलू बीज का मूल्य ज्यादा है।