फर्जी डिग्री घोटाला: एसआइटी को मिले फर्जीवाड़े के और पुख्ता सुबूत, हार्डडिस्क खोल रही अनसुलझे राज
Fake Degree Case फर्जी डिग्री घोटाले में सीआइडी की एसआइटी को कुछ और पुख्ता सुबूत हाथ लगे हैं। सूत्रों के अनुसार हार्डडिस्क से पुनर्जीवित किए अधिकांश डाटा का मूल रिकॉर्ड से मिलान नहीं हो रहा है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से हार्डडिस्क का लगातार परीक्षण हो रहा है।
शिमला, जेएनएन। फर्जी डिग्री घोटाले में सीआइडी की एसआइटी को कुछ और पुख्ता सुबूत हाथ लगे हैं। सूत्रों के अनुसार हार्डडिस्क से पुनर्जीवित किए अधिकांश डाटा का मूल रिकॉर्ड से मिलान नहीं हो रहा है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से हार्डडिस्क का लगातार परीक्षण हो रहा है। मिलान के लिए मानव भारती के सोलन के सुल्तानपुर स्थित निजी विश्वविद्यालय से रिकॉर्ड से संबंधित सारे रजिस्ट्रर शिमला तलब किए जा चुके हैं। मूल रिकॉर्ड तैयार करने वाले स्टाफ, विवि के तत्कालीन अहम ओहदेदारों से पूछताछ हो रही है। जिन डिग्रियों का रजिस्ट्रर से मिलान नहीं हो रहा है, वे फर्जी पाई गई हैं।
कितनी डिग्रियां और फर्जी निकली है, इसका पता तभी चल सकेगा, जब परीक्षण का एक और चरण पूरा होगा। समझा जाता है फर्जी डिग्रियों की संख्या और बढ़ सकती है। 36 हजार डिग्रियां फर्जी साबित हो चुकी है। अभी तक केवल 16 हार्डडिस्क का ही डाटा का परीक्षण हुआ है। 39 हार्डडिस्क का होना बाकी है। परीक्षण करने में वक्त लग रहा है, इस कारण जांच पूरी नहीं हो पा रही है। एसआइटी गहनता से जांच को आगे बढ़ा रही है।
बड़ा मामला होने के कारण डीजीपी संजय कुंडू, सीआइडी प्रमुख एन वेणुगोपाल खुद निगरानी कर रहे हैं। इनके मार्गदर्शन में टीमें देश भर के राज्यों से रिकॉर्ड बरामद कर रही है। पहले से बरामद रिकॉर्ड को वेरीफाई किया जा रहा है।
मूल डिग्रियों की भी फॉरेंसिक जांच
सीआइडी की एक टीम ने देश के 17 से अधिक राज्यों से एक सौ मूल डिग्रियां बरामद की थी। इनकी भी फॉरेंसिक जांच हो रही है। ज्यादातर फर्जी हो सकती है। ये डिग्रीधारकों से कब्जे में ली गई थी। करीब 50 डिग्रीधारकों से पूछताछ पूरी हो गई है। अन्यों के पते को वेरीफाई किया जा रहा है।