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15 राज्यों से जुड़े फर्जी डिग्री मामले के तार, एमबीबीएस व इंजीनियर की भी फर्जी डिग्रियां बनाईं, शिक्षा बोर्ड भी लपेेटे में

Fake Degree Case हिमाचल प्रदेश के एक नामी शिक्षण संस्थान के नाम से संचालित फर्जी बेवसाइट की जांच से सामने आए फर्जी डिग्री मामले के तार देशभर के करीब पंद्रह संस्थानों से जुड़े हैं। फर्जी डिग्री गिरोह एमबीबीएस से लेकर डेंटल और इंजीनियरिंग तक की डिग्रियां फर्जी तैयार करता था।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 07:06 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 07:55 AM (IST)
15 राज्यों से जुड़े फर्जी डिग्री मामले के तार, एमबीबीएस व इंजीनियर की भी फर्जी डिग्रियां बनाईं, शिक्षा बोर्ड भी लपेेटे में
फर्जी बेवसाइट की जांच से सामने आए फर्जी डिग्री मामले के तार देशभर के करीब पंद्रह संस्थानों से जुड़े हैं।

शिमला, रमेश सिंगटा। Fake Degree Case, हिमाचल प्रदेश के एक नामी शिक्षण संस्थान के नाम से संचालित फर्जी बेवसाइट की जांच से सामने आए फर्जी डिग्री मामले के तार देशभर के करीब पंद्रह संस्थानों से जुड़े हैं। फर्जी डिग्री गिरोह एमबीबीएस से लेकर डेंटल और इंजीनियरिंग तक की डिग्रियां फर्जी तैयार करता था। 30 संस्थानों के नाम पर हजारों डिग्रियों का बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ, इसमें हिमाचल पुलिस की बद्दी- बरोटीवाला पुलिस की एसआइटी ने आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है, जबकि दूसरी चार्जशीट तैयार की जा रही है। इस मामले में पुलिस को दो आरोपितों की और तलाश है। इनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है।

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सूत्रों के अनुसार फर्जीवाड़े के तार हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से जुड़े हैं। पुलिस बोर्ड की भूमिका की भी जांच कर रही है। ज्यादातर संस्थान निजी बताए जा रहे हैं, जिनके नाम से फर्जी डिग्रियां बनाई गई हैं। इस संबंध में हिमाचल पुलिस ने ग्रेटर नोयडा में दबिश दी थी। वहां से बड़ी मात्रा में फर्जी डिग्रियां, ब्लैंकपेपर,अन्स दस्तावेज, मुहरें बरामद की थी। पूरा नेटवर्क दिल्ली से संचालित होता था।

बीस हजार डिग्रियां फर्जी

प्रारंभिक जांच के अनुसार हिमाचल समेत दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों, संस्थानों के नाम से करीब बीस हजार डिग्रियां तैयार की गईं। हालांकि असली पता जांच पूरी होने के बाद चलेगा। पूरा गिरोह दिल्ली से संचालित किया जाता रहा है। यह फर्जीवाड़ा बद्दी के एक निजी विश्वविद्यालय के नाम पर हुआ।

दसवीं से डाक्टरेट तक की फर्जी डिग्री

गिरोह दसवीं से लेकर डाक्टरेट तक की फर्जी डिग्री बनाकर बेचता था। अलग-अलग डिग्रियों के अलग- अलग दाम रखे थे। एसआइटी ने इस मामले में छह हजार से ज्यादा डिग्रियां, सर्टिफिकेट, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रिसिपल, लेक्चरर की डेढ़ सौ से ज्यादा मुहरें सहित अन्य सामग्री बरामद की है। आरोपितों ने दिल्ली में कॉल सेंटर बना रखा था।

रजिस्ट्रार ने सामने लाया मामला

निजी विवि बद्दी के रजिस्ट्रार ने पुलिस से शिकायत की। इसमें कहा गया कि किसी ने विवि के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई है। इसके आधार पर साइबर सेल ने जांच शुरू की। शिकायत को सही पाया। एसआइटी ने जाल बिछाकर गिरोह को पकड़ा।

ये हुए थे गिरफ्तार

पुलिस ने दिल्ली से बिहार के समस्तीपुर जिले के बारिशनगर निवासी एनान अहमद, दिल्ली की मदनपुर कॉलोनी के हाउस नंबर 387 से मोहम्मद सलीम, दिल्ली हाउस नंबर 4240, गली जट्टा पहाड़ी से भारती, पंजाब के फाजिल्का के गांव गगन के मनीष कुमार और हरिद्वार के थाना लाल गंज जिला मिरजापुर के गांव कटाई की अर्चना को गिरफ्तार किया है। पांचों ने दिल्ली में अड्डे बना रखे थे। ये फर्जी डिग्रियां बनाते थे। पुलिस ने इसके खिलाफ धारा 420, 465, 468, 471 व 34 के तहत मामला दर्ज किया था।

जांच चल रही

एसपी बद्दी मोहित चावला का कहना है पुलिस ने गहन जांच की थी। इस दौरान पाया कि गिरोह फर्जी डिग्रियां बनाता था, इस केस का संबंध देश भर के कई राज्यों से जुड़ा है। जांच अभी भी चल रही है।


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