राजन सुशांत का निशाना, बल्ह में सपनों का एयरपोर्ट बना रही सरकार, बोले- थर्ड फ्रंट बनाकर लड़ेंगे चुनाव
Ex MP Rajan Sushant सरकार द्वारा बल्ह में बनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा केवल सपनों में ही बन रहा है।
मंडी, जेएनएन। सरकार द्वारा बल्ह में बनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा केवल सपनों में ही बन रहा है। सरकार के पास इसे बनाने के लिए योजना नहीं है और मुआवजे के नाम पर भी प्रभावितों को केवल ठगा जा रहा है। यह बात पूर्व सांसद डॉ.राजन सुशांत ने पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि वह स्थानीय मुद्दों को लेकर थर्ड फ्रंट बना रहे हैं और इसी के चलते प्रदेश भर के दौरे पर हैं। सुशांत ने कहा कि बल्ह में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, कीरतपुर मनाली फोरेलन और अब पठानकोट-मंडी फोरलेन, बिलासपुर-लेह रेलमार्ग आदि प्रोजेक्टों से हजारों लोग प्रभावित होंगे। लेकिन उनको बसाने के लिए कोई योजना नहीं दिख रही है।
हवाई अड्डे की बात करें तो यहां पर 3000 के करीब लोग प्रभावित होंगे और उपजाऊ भूमि जाएगी, लेकिन सरकार मुआवजे के नाम पर केवल डेढ़ से दो लाख रुपये की राशि प्रति बीघा देगी। इतनी रकम तो किसान एक फसल से निकाल लेता है ऐसे में उपजाऊ भूमि देने पर भी किसानों को नुकसान ही होगा। सरकार चार गुणा मुआवजे के साथ उपजाऊ भूमि भी किसानों को मुहैया करवाए। इसके लिए 2013 में लैंड एक्ोजिशन एक्ट को लागू करे, नहीं तो किसान प्रभावित होंगे तथा एयरपोर्ट के निर्माण में भी बाधा आएगी। वी चप्पल बालों को हवाई जहाज में बिठाने का पीएम का सपना अधूरा रहेगा। पौंग डैम और भाखड़ा डैम के प्रभावित लोग आज भी भटक रहे हैं । ऐसी स्थित न हो। इसके साथ ही न्यू पेंशन स्कीम को बंद कर ओल्उ पेंशन स्कीम और चीन के खतरे को लेकर भी वह आवाज बुलंद कर रहे हैं। सरकार के मंत्री व सांसद चीनी घुसपैठ पर अलग-अलग बयान दे रहे हैं इससे जनता भी पशोपेश में है। केंद्र सरकार से मांग की कि एक रक्षा विशेषज्ञों का दौरा लाहुल व किन्नौर चीन सीमा के एरिया में करवाया जाए साथ ही एक सेना व एयरफोर्स का एक बेस कैंप् हिमाचल में बनाया जाए, ताकि चीन अगर हमला करता है तो सरकार तुरंत एक्शन ले सके।
सुरक्षा व पर्यटन की दृष्टि से हवाई अड्डा महत्वपूर्ण
राजन सुशांत ने कहा कि हवाई अड्डा राष्ट्रीय सुरक्षा व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है लेकिन पिछले दो सालों में पुख्ता कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार के पास इसे बनाने के लिए योजना नहीं है तथा सरकार खाली लिफाफे की तरह है। बाहर से केवल दिखावा ही है जबकि जमीनी स्तर पर कुछ नहीं।