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मनकोटिया की हुंकार, दोनों दलों ने धरती पुत्र को टिकट न दिया तो उतरूंगा मैदान में

धर्मशाला उपचुनाव के लिए तेज हो रही सरगर्मियों के बीच कांग्रेस के पूर्व मंत्री व पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने भी चुनावी ताल ठोकने का मन बनाया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 07:41 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 07:41 AM (IST)
मनकोटिया की हुंकार, दोनों दलों ने धरती पुत्र को टिकट न दिया तो उतरूंगा मैदान में
मनकोटिया की हुंकार, दोनों दलों ने धरती पुत्र को टिकट न दिया तो उतरूंगा मैदान में

धर्मशाला, दिनेश कटोच। धर्मशाला उपचुनाव के लिए तेज हो रही सरगर्मियों के बीच कांग्रेस के पूर्व मंत्री व पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने भी चुनावी ताल ठोकने का मन बनाया है। हालांकि वह सीधे तौर पर उपचुनाव में प्रत्याशी तो नहीं होंगे, लेकिन परोक्ष रूप से भागीदारी निभाएंगे। वह किसी अपने को चुनाव में उतारने के लिए कवायद शुरू किए हुए हैं। कांग्रेस व भाजपा की ओर से अभी तक प्रत्याशी की स्थिति स्पष्ट न होने पर उन्होंने दोनों ही दलों को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने वकालत इस बात की कि चाहे वह कांग्रेस हो या फिर भाजपा, अगर दोनों दल धरती पुत्र को टिकट नहीं देते हैं तो वह स्वयं उपचुनाव में भागीदार बनते हुए यहां के धरती पुत्र से उपचुनाव लड़वाएंगे।

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भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के धर्मशाला से उपचुनाव लड़ने की अटकलों पर इशारा उनका भाजपा पर था लेकिन कांग्रेस से सुधीर शर्मा को लेकर भी उनका रुख उन्हें भी टिकट न देने पर रहा। इसलिए दोनों ही ओर से उन्होंने टिकट देने की पैरवी धरती पुत्र के लिए की। धर्मशाला को महज धर्मशाला समझ कर इसे लावारिस हालात में न रहने की दलील भी उन्होंने दलील दी। मनकोटिया ने अगर धर्मशाला उपचुनाव लड़वाने का तीर तरकश से छोड़ा है तो यह कहीं न कहीं जाकर जरूर लगेगा भी। मनकोटिया वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में धर्मशाला हलके से बसपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं। भले ही इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उस दौरान 11331 मत हासिल किए थे और इसका खामियाजा कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रेश कुमारी को हार के रूप में भुगतना पड़ा था।

धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से उनके करीबी रहे राम स्वरूप कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। बसपा से चुनाव लड़ने के बाद फिर से कांग्रेस के हुए मनकोटिया ने तत्कालीन सरकार से नाराजगी के कारण पर्यटन निगम के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। लोकसभा चुनाव से पहले जून 2018 में शाहपुर में एक राजनीतिक मंच तैयार कर तीसरे विकल्प को भी ढूंढ़ने के प्रयास किए थे। भले ही अभी धर्मशाला उपचुनाव के लिए कांग्रेस व भाजपा में प्रत्याशियों को लेकर अटकलें लग रही हैं तो इस बीच मनकोटिया की भी उपचुनाव लड़वाने की चाहत क्या रुख तय करेगी, यह तो आना वाला समय ही बताएगा लेकिन कहीं न कहीं अंदरखाते इसका ताना-बाना बुना जाना शुरू हो चुका है।


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