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कर्मचारी संघर्ष मोर्चा की अपील, हाईकोर्ट के आदेशों को लागू करे हिमाचल प्रदेश सरकार

Employees Sangarsh Morcha कर्मचारी संघर्ष मोर्चा हिमाचल प्रदेश ने हाई कोर्ट शिमला से अपील की कि कोर्ट की ओर से कर्मचारियों के पक्ष में जो भी अहम फैसले दिए हैं उन्हें विभागों व सरकार को लागू करने के आदेश दिए जाएं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 01:28 PM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 01:28 PM (IST)
कर्मचारी संघर्ष मोर्चा की अपील, हाईकोर्ट के आदेशों को लागू करे हिमाचल प्रदेश सरकार
कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने कर्मचारियों के पक्ष में दिए फैसलों को लागू करने की मांग की है।

पालमपुर, जेएनएन। कर्मचारी संघर्ष मोर्चा हिमाचल प्रदेश ने हाई कोर्ट शिमला से अपील की कि कोर्ट की ओर से कर्मचारियों के पक्ष में जो भी अहम फैसले दिए हैं, उन्हें विभागों व सरकार को लागू करने के आदेश दिए जाएं। एलपीए 54 का फैसला अभी तक लागू नहीं हुआ है, जो 1500 शिक्षकों के पक्ष में था। करुणा मूलक आश्रित परिवारों को भी हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार राहत नहीं मिली। मोर्चा संस्थापक डाक्‍टर अरुण दत्त, प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण शर्मा, महासचिव अरुण कानूनगो, प्रदेश महिला विंग अध्यक्ष रीता शर्मा, जिला कांगड़ा अध्यक्ष संजीव मलगोत्रा, जिला बिलासपुर अध्यक्ष सुमन कुमारी, राज्य वरिष्ठ सलाहकार भारत भूषण व अन्य ने हाई कोर्ट व सरकार से अपील करते हुए कहा कि पुराने आरएंडपी (एलपीए 54) के फैसले को जल्द लागू करवाया जाए, ताकि वर्षों से पीड़ित शिक्षक नियुक्ति तिथि से अपना हक पा सकें।

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प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा हाई कोर्ट का फैसला अंतिम फैसला माना जाता है। लेकिन सरकार इन फैसलों को लागू नहीं करना चाहती। तो फिर फरयादी किसके पास जाएं। गलतियां सब से हो जाती हैं, अगर सरकार से 2008 में गलती से पुराने आरएंडपी रुल्‍स की भर्तियों को अनुबंध पर रख दिया तो इस गलती को सुधारा जाना चाहिए और समय रहते कानून का सम्मान करते हुए पीड़ित लोगों को उनके हक मिल जाने चाहिए।

2008 से पीड़ित 1500 शिक्षक फिलहाल अपने पिछले लाभों को छोड़ने के लिए तैयार है। कम से कम हाईकोर्ट के इस फैसले को तो आगे के लिए लागू करे सरकार। हम जानते है कि सरकार की आर्थिक स्थिति अभी ठीक नहीं है, इसलिए कम से कम इन 1500 शिक्षकों को आगे के लिए तो लाभ मिल जाने चाहिएं। बात पैसे की नहीं है, बात मान-सम्मान की है। अगर 2008 से वरिष्ठता लाभ मिलते हैं और हाई कोर्ट के फैसले की तिथि से इन पीड़ित शिक्षकों की फिक्सेशन होती है तो यही बहुत बड़ी राहत होगी।


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