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उद्योग मंत्री से मिले अनुबंध से नियमित कर्मचारी, कोर्ट के फैसले की अधिसूचना जारी करने की रखी मांग

Employees Association अनुबंध से नियमित कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर से डाडासीबा में मिला।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 08:58 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 08:58 AM (IST)
उद्योग मंत्री से मिले अनुबंध से नियमित कर्मचारी, कोर्ट के फैसले की अधिसूचना जारी करने की रखी मांग
उद्योग मंत्री से मिले अनुबंध से नियमित कर्मचारी, कोर्ट के फैसले की अधिसूचना जारी करने की रखी मांग

परागपुर/ढलियारा, जेएनएन। अनुबंध से नियमित कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर से डाडासीबा में मिला। उन्होंने प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा एलपीए 54 के फैसले जोकि वर्ष 2008-2009 में नियुक्त हुए टीजीटी अध्यापकों के पक्ष में आया है उक्त फैसले की अधिसूचना जारी करने के लिए गुहार लगाई तथा मंत्री को ज्ञापन सौंपा। इस पर उद्योग मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे उनकी हरसंभव सहायता करेंगे।

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प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि अनुबंध पॉलिसी 22 अक्टूबर 2009 को बनी है। विभागीय अनियमितता के कारण नवंबर 2008 में पहली बार इस वर्ग के अध्यापकों की नियुक्तियां रेगुलर करने के बजाय अनुबंध आधार पर ही कर दी गई। लेकिन फिर भी कर्मचारियों ने सेवाएं न्यूनतम वेतन 8220 रुपये पर अति दुर्गम क्षेत्रों में दी हैं। पहले ही कर्मचारी 40-45 वर्ष की आयु में नियुक्त हुए हैं। लगभग सात साल अनुबंध पर सेवाएं देने के बाद इन्हें रेगुलर किया गया, जबकि इनमें से अधिकांश कर्मचारी रिटायर होने की कगार पर हैं। करीब 12 वर्षों बाद इन अध्यापकों को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा न्याय प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि 2008 में नियुक्त हुए अध्यापकों से अन्याय हुआ है। अनुबंध से नियमित कर्मचारी संघ सरकार से मांग करता है कि शिक्षा विभाग को न्यायालय के इस फैसले को लागू करने की अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए जाएं।

इस अवसर पर गुलवंत ठाकुर, राकेश पटियाल, विपिन कुमार, परङ्क्षवदर कुमार, राजेश कुमार, विनोद शर्मा, सरिता शर्मा, कमल देवी, ललिता देवी, अनिशा रानी, वंदना भारती, विदयोतमा, गणेश दत्त, सुरेंद्र कुमार, शशी कुमार, दिलबाग सिंह, विशिष्ट कुमार, अशोक कुमार, रमेश कुमार आदि मौजूद थे।

अनुसूचित जनजाति को समानता का अधिकार दिलाया जाए

प्रदेश श्री गुरु रविदास महासभा ने उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को समानता का अधिकार दिलाने के लिए मौजूदा आरक्षण व्यवस्था को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाई। महासभा के पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक रामनता का अधिकार नहीं आ जाता तब तक पदोन्नति में आरक्षण का होना अति आवश्यक है। इस अवसर पर अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रदेशाध्यक्ष राम लाल चौधरी व अन्य मौजूद रहे।


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