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मकर संक्रांति पर यहां बनेगी एक साथ 1100 किलोग्राम खिचड़ी, हरियाणा से लाया गया पतीला बना आकर्षण

Eleven Hundered Quintal Khichadi तत्तापानी में होने जा रहे जिलास्तरीय मकर सक्रांति मेले को लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 04:35 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 04:35 PM (IST)
मकर संक्रांति पर यहां बनेगी एक साथ 1100 किलोग्राम खिचड़ी, हरियाणा से लाया गया पतीला बना आकर्षण
मकर संक्रांति पर यहां बनेगी एक साथ 1100 किलोग्राम खिचड़ी, हरियाणा से लाया गया पतीला बना आकर्षण

करसोग, जेएनएन। जिला शिमला और मंडी के सीमावर्ती क्षेत्र तत्तापानी में होने जा रहे जिलास्तरीय मकर सक्रांति मेले को लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बार मेले में पर्यटन विभाग की ओर से खिचड़ी बनाने के लिए लाया बड़ा पतीला लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है। इस पतीले में एक साथ 11 क्विंटल चावल डालकर खिचड़ी बनाई जाएगी। तत्तापानी में लोहड़ी और मकर संक्रांति उत्सव के इतिहास में ये पहली बार हो रहा है कि एक ही पतीले में इतनी खिचड़ी तैयार की जाएगी। इस खिचड़ी से 12 हजार से अधिक लोगों का पेट भर सकता है।

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हरियाणा की मशहूर बर्तन मार्किट जगाधरी से ट्रक में लाया गया ये पतीला तत्तापानी पहुंच चुका है। इलाके में इतना बड़ा बर्तन आने की सूचना लगते ही स्थानीय लोगों सहित पर्यटक भी पतीले के साथ सेल्फी खिंचवाने के लिए तत्तापानी पहुंच रहे हैं। पतीले को एक झलक देखने को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। रविवार को करसोग के विधायक हीरालाल सहित कई लोगों ने पतीले के साथ सेल्‍फी लीं। यह पतीला 4 फुट ऊंचा और सवा सात फुट चौड़ा है।

इस बार तत्तापानी में पर्यटन विभाग की ओर से श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान के बाद खिचड़ी खिलाने की व्यवस्था की गई है। तत्तापानी पंचायत के उपप्रधान बाबूराम शर्मा का कहना है लोहड़ी मेले में एक बड़े पतीले में पहली बार 11 क्विंटल खिचड़ी पकेगी। इसको लेकर लोगों में बहुत उत्साह है। लोग दूर दूर से पतीला देखने आ रहे हैं।

पतीले के लिए बनाया गया है विशेष चूल्हा

जिस पतीले में एक साथ 11 क्विंटल की खिचड़ी तैयार की जाएगी। इसके लिए तत्तापानी में एक ईंट का बड़ा चूल्हा बनाया गया है। इस चूल्हे में चारों ओर से लकड़ी डाले जाने की व्यवस्था की गई है। खिचड़ी बनाने के कई क्विंटल सूखी लकड़ियों की व्यवस्था की गई है। चूल्हे के साथ ही नरसिंह मंदिर परिसर में ही श्रद्धालुओं के लिए बैठकर खिचड़ी खिलाने की भी व्यवस्था की गई है। विभाग से बारिश से बचने के लिए टेंट भी लगा दिया गया है। इसी टेंट की निचली ओर सड़क के दोनों ओर स्नानागार हैं, जहां महिला और पुरुषों के नहाने के लिए प्रशासन ने अलग-अलग व्यवस्था की है।


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