पहली जून से फीस ले सकेंगे निजी स्कूल, नहीं लगेगा कोई जुर्माना; उपनिदेशक करेंगे निगरानी
लॉकडाउन-4 खत्म होते ही प्रदेश के निजी स्कूलों पर छात्रों से फीस लेने पर लगाई गई रोक को हटा दिया गया है।
शिमला, जागरण संवाददाता। लॉकडाउन-4 खत्म होते ही प्रदेश के निजी स्कूलों पर छात्रों से फीस लेने पर लगाई गई रोक को हटा दिया गया है। सरकार ने निजी स्कूलों को 1 जून से मार्च से मई महीने तक की ट्यूशन फीस लेने की इजाजत दे दी है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि जिन छात्रों ने लॉकडाउन के दौरान फीस जमा नहीं करवाई है उन पर किसी भी तरह का जुर्माना या लेट फीस स्कूल प्रबंधन नहीं लगा सकता। फीस जमा करवाने में देरी के लिए छात्र का नाम भी नहीं काटा जाएगा।
छात्रों को मार्च से मई महीने तक की ट्यूशन फीस जमा करवानी होगी। इन तीन महीनों का स्पोटर्स फंड, भवन फंड, मेंटेनेस फंड, कंप्यूटर फीस के अलावा अन्य तरह के फंड जमा नहीं करवाना पड़ेगा। जून के बाद की व्यवस्था पर मंत्रिमंडल अलग से निर्णय लेगा। शिक्षा विभाग ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार ने 30 जून तक निजी स्कूल प्रबंधकों को निर्देश दिए थे कि वे अभिभावकों को फीस जमा करवाने के लिए बाध्य न करें।
साढ़े पांच लाख छात्र पढ़ते हैं निजी स्कूलों में
प्रदेश के निजी स्कूलों में 5.50 लाख छात्र पढ़ते हैं। राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के बीच अभिभावकों पर फीस का भार कम कर किया है। अभिभावकों को मार्च से मई महीने तक केवल ट्यूशन फीस ही जमा करवानी होगी। स्कूलों में तिमाही फीस के कांसेप्ट को भी खत्म कर दिया है। अभिभावकों को हर महीने फीस जमा करवाने का विकल्प दिया गया है। शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि वे ट्यूशन फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगे। वर्ष 2019 में निजी स्कूलों में जो ट्यूशन फीस तय हुई है उसी के अनुसार फीस वसूली जाएगी।
शिक्षा उपनिदेशक देखेंगे व्यवस्था
प्रधान सचिव केके पंत ने कहा पहली जून के बाद स्कूल प्रबंधन छात्रों से फीस ले सकेंगे। इस पर जो रोक लगाई थी, उसे हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि मार्च से मई महीने तक की केवल ट्यूशन फीस ही जमा करवानी होगी। सभी जिलों के शिक्षा उपनिदेशक इस व्यवस्था को देखेंगे। अभिभावकों की कोई शिकायत है, तो वह उपनिदेशक के पास करवा सकते हैं। विभाग उस पर कार्रवाई करेगा।