नशा तस्करों पर कसेगा ईडी का शिकंजा, नशीले पदार्थ बेचकर अर्जित की संपत्ति होगी अटैच, पढ़ें पूरा मामला
ED Screws Drug Traffickers Property हिमाचल प्रदेश में नशे के तस्करों पर अब कड़ा शिकंजा कसेगा। नशीले पदार्थ बेचकर अर्जित की गई संपत्ति अटैच होगी। यह कार्य प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के माध्यम से होगा। सीआइडी के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से सूचना मांगी है।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में नशे के तस्करों पर अब कड़ा शिकंजा कसेगा। नशीले पदार्थ बेचकर अर्जित की गई संपत्ति अटैच होगी। यह कार्य प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के माध्यम से होगा। इस संबंध में सीआइडी के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से सूचना मांगी है। इसमें कहा गया है कि वह उन सभी मामलों की सूचना दें, जिसमें तस्करों ने काली कमाई से संपत्ति अर्जित की है। ऐसे मामलों पर ईडी मनी लॉड्रिंग के तहत कार्रवाई करेगा। असल में प्रदेश में पुलिस वित्तीय जांच बहुत कम मामलों में कर रही है। इसके लिए अब ईडी की मदद ली जाएगी। ऐसे मामलों को लेकर वित्तीय जांच करने संबंधी ईडी को आग्रह पत्र भेजा जाएगा। यह आग्रह पत्र डीजीपी की ओर से भेजा जाएगा।
सूत्रों के अनुसार इसकी राज्य पुलिस मुख्यालय में पूरी तैयारियां हो चुकी है। इससे पहले डीजीपी ड्रग्स के बढ़ते मामलों पर नकेल डालने के लिए विभिन्न बटालियनों के कमांडेंट की अलग से टीम भी गठित कर चुके हैं। इसके सार्थक नतीजे भी सामने आए। कई जगहों पर इन विशेष टीमों ने न केवल एनडीपीएस के मामले पकड़े बल्कि इसके माध्यम से तस्करों के बीच कड़ा संदेश भी दिया गया। एनडीपीएस मामलों की समीक्षा के लिए केंद्र सरकार ने केंद्र और राज्य स्तर पर अलग-अलग कमेटियां गठित की है। यह कमेटी केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय का काम करती है। इसी तरह से सभी राज्यों की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश ने भी कमेटी गठित की है। इसके अध्यक्ष मुख्य सचिव होते हैं , जबकि जिलों में कमेटी के मुखिया उपायुक्त होते हैं।
नारको कोऑर्डिनेशन सेंटर की हुई बैठक
बुधवार को नारको कोऑर्डिनेशन सेंटर की बैठक हुई। इस उच्च स्तरीय बैठक में गृह विभाग के अलावा कई अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक में नशीले पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही गई। इसमें पुलिस अधिकारियों ने सरकार को बताया कि किस तरीके से तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
एनडीपीएस मामले
- वर्ष, केस
- 2014, 644
- 2015, 622
- 2016, 929
- 2017, 1010
- 2018, 1342
- 2019, 1439
- 2020, 1027