साल में 16 बार हिली हिमाचल प्रदेश की धरती, 1905 के भूकंप के बाद सबसे तेज झटके हुए महसूस
Earthquake in Himachal Pradesh 1905 के कांगड़ा भूकंप के बाद यह पहली बार हुआ है जब जिले में इतने तेज झटके महसूस किए गए हैं।
धर्मशाला, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को आए भूकंप के झटकों से जिला कांगड़ा में भी दहशत रही। भले ही भूकंप का केंद्र गुलाम कश्मीर के मीरपुर में झेलम के नजदीक बताया जा रहा है और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.8 थी, लेकिन कांगड़ा में इसकी तीव्रता पांच तक रही। बड़ी बात तो यह है कि 1905 के कांगड़ा भूकंप के बाद यह पहली बार हुआ है, जब जिले में इतने तेज झटके महसूस किए गए हैं। हालांकि यहां हल्के झटके महसूस होते रहते हैं, लेकिन बड़ी त्रासदी के बाद पहली बार हुआ है, जब तीव्रता चार से अधिक रही हो। दूसरी ओर भूगर्भ वैज्ञानिकों का दावा है कि गुलाम कश्मीर में इतनी तीव्रता वाला भूकंप 1905 के बाद पहली बार आया है। इस साल प्रदेश की धरती 16 बार हिल चुकी है।
4 अप्रैल, 1905 को हुई थी तबाही
4 अप्रैल, 1905 को सुबह सुबह 6.19 बजे भूकंप के दो झटकों ने कांगड़ा जिले को तहस-नहस कर दिया था। उस समय आबादी भी कम थी। उस समय भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 19 हजार 800 पहुंच गया था। एक लाख भवन तबाह हो गए थे। भूकंप का केंद्र बिंदु पठियार था। उस दौरान कई जगह भूस्खलन हुए थे और चट्टानें गिर गई थीं। धर्मशाला में सारी इमारतें जमींदोज हो गई थीं। भूकंप ने कुल्लू-मनाली से लेकर शिमला व सिरमौर तक विनाशलीला दिखाई थी। कई मंदिर ध्वस्त हो गए थे। केवल बैजनाथ शिव मंदिर को आंशिक नुकसान हुआ था। कांगड़ा व नूरपुर के किले भी ध्वस्त हो गए थे।
क्यों आता है भूकंप
धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है। जहां भी ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं, वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है। भूकंप तब आता है जब ये प्लेट्स एक-दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं।
भूकंप के दौरान ऐसे करें बचाव
- लिफ्ट का इस्तेमाल न करें ।
- बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढिय़ों का इस्तेमाल करें।
- कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं।
- अगर गाड़ी चला रहे हों तो उसे फौरन रोक दें।
- वाहन चला रहे हों तो पुल से दूर सड़क के किनारे रोक लें।
- तुरंत सुरक्षित और खुले मैदान में जाएं
- खिड़की, अलमारी व पंखे से दूर हट जाएं।
केंद्र बिंदु पीओके में आए भूकंप से उत्तर भारत में झटके महसूस हुए हैं। पीओके में 1505 के बाद यह पहला बड़ा भूकंप है। कुछ समय से यह क्षेत्र भूकंप में दृष्टि से शांत था, इसलिए ऐसी हलचल होना कोई बड़ी बात नहीं है। -डॉ. अबरीश महाजन, भूगर्भ वैज्ञानिक।