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Earthquake in Himachal दिन में तीन झटकों के बाद रात को फिर हिली धरती, दहशत में लोग

Earthquake in Himachal हिमाचल प्रदेश भूकंप के झटकों से हिल गया है। बीते दिनों से लगातार झटके महसूस किए जा रहे हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 11:47 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 03:54 PM (IST)
Earthquake in Himachal दिन में तीन झटकों के बाद रात को फिर हिली धरती, दहशत में लोग
Earthquake in Himachal दिन में तीन झटकों के बाद रात को फिर हिली धरती, दहशत में लोग

धर्मशाला, जेएनएन। Earthquake in Himachal, हिमाचल प्रदेश भूकंप के झटकों से हिल गया है। बीते दिनों से लगातार झटके महसूस किए जा रहे हैं। जिला चंबा में रविवार को दो झटकों के बाद सोमवार को एक घंटे के बीच तीन बार धरती हिली और रात को चौथी बार भूकंप आ गया। रात को 9.27 बजे चौथी बार धरती हिलने से लोग पूरी तरह से दहशत में आ गए। इस दौरान तीव्रता 3.2 मापी गई। भूकंप का केंद्र बिंदु जम्‍मू-कश्‍मीर और चंबा के सीमावर्ती क्षेत्र में रहा। पहला झटका 12:10 बजे महसूस हुआ, जिसकी तीव्रता रिक्‍टर पैमाने पर 5.0 मापी गई है। दूसरा झटका 12.40 बजे इसी केंद्र पर महसूस किया गया, इस दौरान तीव्रता 3.2 रही है। 12.57 बजे तीसरी बार धरती हिली, इस बार सबसे कम 2.7 तीव्रता मापी गई। अब तक जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। पहली बार तीव्रता काफी ज्‍यादा होने के कारण पांगी, चंबा व कांगड़ा सहित लाहुल-स्‍पीति जिला में भी झटके महसूस किए गए हैं व लोग घरों से बाहर निकल आए। लगातार आ रहे भूकंप के झटकों के बाद प्रशासन अलर्ट है।

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कैसे आता है भूकंप

पृथ्वी की बाह्य परत में अचानक हलचल से उत्पन्न ऊर्जा के परिणाम स्वरूप भूकंप आता है। यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर, भूकंपी तरंगें उत्पन्न करती है, जो भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट होती है। भूकंप प्राकृतिक घटना या मानवजनित कारणों से हो सकता है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यत: गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन, और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।

ऐसे करें बचाव

  • सुरक्षित स्थान पर भूकंपरोधी भवन का निर्माण कराएं।
  • समय-समय पर आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण लें व पूर्वाभ्यास करें।
  • आपदा की किट बनाएं जिसमें रेडियो, जरूरी कागज, मोबाइल, टार्च, माचिस, मोमबत्ती, चप्पल, कुछ रुपये व जरूरी दवाएं रखें।
  • भूकंप आने पर परिवार के लोगों को बिजली व गैस बंद करने को कहें।
  • भूकंप के दौरान टेबल, पलंग या मजबूत फर्नीचर के नीचे शरण लें।
  • संतुलन बनाए रखने के लिए फर्नीचर को कस पकड़ लें।
  • लिफ्ट का प्रयोग कतई न करें।
  • खुले स्थान पर पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें।
  • मकान ध्वस्त हो जाने के बाद उसमें न जाएं।
  • कार के भीतर हैं तो उसी में रहें, बाहर न निकलें।

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