नूरपुर शहर में दिन में दो बार पेयजल आपूर्ति
संवाद सहयोगी नूरपुर गर्मी में नूरपुर शहर के लोगों को जल शक्ति विभाग ने राहत दी है। वि
संवाद सहयोगी, नूरपुर : गर्मी में नूरपुर शहर के लोगों को जल शक्ति विभाग ने राहत दी है। विभाग ने शहर में दिन में दो बार पेयजल आपूर्ति करनी शुरू कर दी है। मंगलवार दोपहर विभाग ने पेयजल आपूर्ति का ट्रायल किया जोकि सफल रहा। बुधवार को भी विभाग ने शहर में दो बार पानी की आपूर्ति दी। विधायक एवं वन मंत्री राकेश पठानिया ने कुछ समय पहले नूरपुर शहर की जनता को दिन में दो बार पानी की सप्लाई देने का वादा किया था।
तीन पेयजल योजनाओं से शहर में पानी की आपूर्ति की जाती है। नूरपुर शहर में सबसे पहले लेतरी (खज्जन) से कई दशकों से पेयजल आपूर्ति की जाती रही है। 1996 में तत्कालीन विधायक रणजीत बख्शी के प्रयास से शहर में वार्ड 10 (श्मशानघाट) पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति मिलनी शुरू हुई, लेकिन जब 1998 में राकेश पठानिया पहली बार भाजपा विधायक बने तो उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री शांता कुमार के माध्यम से केंद्र से चक्की पेयजल योजना मंजूर करवाई। इससे काफी हद तक पेयजल समस्या पर काबू पाया गया। राकेश पठानिया के प्रयास से विभाग ने वार्ड दस (श्मशानघाट) पेयजल योजना के निकट 25 लाख रुपये खर्च कर नया जल स्तोत्र तैयार किया। अब तीन पेयजल योजनाओं के माध्यम से विभाग ने शहर में दिन में दो बार पानी की सप्लाई देना शुरू कर दिया है। लेतरी ( खज्जन) पेयजल योजना से 15 एलपीएस, वार्ड दस (श्मशानघाट) पेयजल योजना से 10 एलपीएस तथा चक्की पेयजल योजना से 40 से 45 एलपीएस गति के माध्यम से रोजाना पानी निकलता है।
नगर परिषद अध्यक्ष अशोक शर्मा, उपाध्यक्ष रजनी महाजन, पार्षद करनैल सिंह, प्रवेश मेहरा, मीनाक्षी देवी, शिवानी शर्मा, अश्वनी डफ्फा, अंशुल कोरला, योगराज, गुलशन चौधरी, व्यापार मंडल के अध्यक्ष अश्वनी सूरी ने नूरपुर शहर में दिन में दो बार पानी की सप्लाई शुरू करवाने के लिए वन मंत्री राकेश पठानिया का आभार जताया है।
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बौड़ को छोड़कर सारे शहर में दिन में दो बार पानी की सप्लाई देना शुरू कर दिया है जबकि बौड़ में पेयजल आपूर्ति का समय बढ़ाया गया है।
-देवेंद्र राणा, सहायक अभियंता, जल शक्ति विभाग।
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जनता को दिन में दो बार पानी की सप्लाई देने का वादा किया था जिसे विभाग की मदद से पूरा किया गया है। शहर में तीन पेयजल योजनाओं से पेयजल सप्लाई दी जा रही है।
-राकेश पठानिया, वन मंत्री।