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कोरोना संक्रमित मरीज का नियमित तौर पर चेक करें ऑक्‍सीजन लेवल, ये मरीज हाई रिस्‍क कैटेगिरी में

Dr Suggestions On Coronavirus अगर कोरोना संक्रमित मरीज की उम्र 60 वर्ष से अधिक है तो मरीज को हाई रिस्क कैटेगरी में रखा जाएगा। लेकिन साथ में मधुमेह हाइपरटेंशन लिवर हृदय रोग किडनी और सांस की बीमारी है तो ऐसे मरीज को घर पर नहीं रखना चाहिए।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 06:19 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 08:34 AM (IST)
कोरोना संक्रमित मरीज का नियमित तौर पर चेक करें ऑक्‍सीजन लेवल, ये मरीज हाई रिस्‍क कैटेगिरी में
अगर कोरोना संक्रमित मरीज की उम्र 60 वर्ष से अधिक है, तो मरीज को हाई रिस्क कैटेगरी में रखा जाएगा।

शिमला, जेएनएन। Dr Suggestions On Coronavirus, आइजीएमसी शिमला के मेडिसिन स्टोर इंचार्ज डॉ राहुल गुप्ता का कहना है अगर कोरोना संक्रमित मरीज की उम्र 60 वर्ष से अधिक है, तो मरीज को हाई रिस्क कैटेगरी में रखा जाएगा। अगर उम्र 60 वर्ष से अधिक या कम है, लेकिन साथ में मधुमेह, हाइपरटेंशन, लिवर, हृदय रोग, किडनी और सांस की बीमारी है, तो ऐसे मरीज को घर पर नहीं रखना चाहिए। कोरोना संक्रमित 60 वर्ष से कम आयु के जिनका सेचुरेशन ऑफ ऑक्सीजन (एसपीओटू) 90 फीसद से कम हो तो उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाएं। उन्हें अधिक दिक्कत हो सकती है। इसलिए ऐसे मरीजों का ईलाज घर के बजाय अस्पताल में ही करवाएं।

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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बचाव करना बेहद जरूरी हो गया है। छोटी छोटी सावधानियां बड़े संक्रमण से बचाने में सहायक होंगी। उन्होंने बताया अगर आप स्वस्थ हैं तो घर पर ही रहें। बुखार, खांसी या सांस लेने में समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा करके आप खुद को व बाकी लोगों को संक्रमण से बचा सकते हैं। अगर अगर किसी व्यक्ति को खांसी या जुकाम है तो उससे बातचीत के समय दो गज की दूरी जरूर रखें। हाथ धोते समय साबुन का इस्तेमाल जरूर करें क्योंकि ऐसा करने से अगर हाथ में वायरस है तो नष्ट हो जाएगा और शरीर में प्रवेश नहीं कर सकेगा। मास्क पहनने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ साफ करें।

समय पर दवाई और योग से जीती कोरोना से जंग

बिलासपुर के जेजवीं निवासी 72 वर्षीय कलां देवी ने बताया वह कोरोना पाजिटिव आई थी तो सभी परिवार वाले और मैं भी घबरा गई थी। मैं हार्ट पेशेंट भी हूं और छह माह से मेरी दवा चल रही थी। ऐसे में परिवार में एक डर का माहौल पैदा हो गया था लेकिन मैंने सबको धैर्य रखने को कहा और जो दवा मुझे आशा कार्यकर्ता ने दी, मैंने वह कोर्स पूरा किया। इसके साथ ही मुझे फोन पर ही कई योग क्रियाएं करने को भी कहा गया। कमरे में अकेले बैठकर मैं योग को भी अपनाती रही और पौष्टिक भोजन लिया। लगभग 10 दिन बाद मैं स्वस्थ महसूस करने लगी। इसके बाद मैंने कोरोना का टेस्ट दोबारा करवाया तो उसमें मेरी रिपोर्ट नेगेटिव आई। इस तरह से मैंने कोरोना को हराने में सफलता हासिल की है। मेरा लोगों को संदेश है कि कोरोना से घबराएं नहीं बल्कि हौसले से मुकाबला करें।


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