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डबल इंजन की सरकार भी नहीं दिला सकी हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा

भाजपा की डबल इंजन सरकार भी सिरमौर जिला के हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा नहीं दिला सकी। पावंटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों पंचायतों में निवास कर रहे हाटी समुदाय के लोग जनजाति का दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।

By Richa RanaEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 06:02 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 06:02 PM (IST)
डबल इंजन की सरकार भी नहीं दिला सकी हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा
भाजपा की डबल इंजन सरकार भी सिरमौर जिला के हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा नहीं दिला सकी।

नाहन,जागरण संवाददाता। भाजपा की डबल इंजन सरकार भी सिरमौर जिला के हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा नहीं दिला सकी। पावंटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों पंचायतों में निवास कर रहे हाटी समुदाय के लोग जनजाति का दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। मगर भाजपा की सरकार अपने वायदे को निभाने मे नाकाम रही है। हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा देने को निर्णय केंद्र सरकार ने लेना है। अब प्रदेश में भी भाजपा की सरकार और दिल्ली में भी भाजपा की सरकार है। लेकिन हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा दिलाने में भाजपा नाकाम रही है। यह आरोप पांवटा साहिब में जनसभा को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत ठाकुर ने लगाया।

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उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले का हाटी समुदाय दशकों से जनजाति का दर्जा पाने के लिए मांग कर रहा है। लंबे समय से हाटी समुदाय के लोग इसे लेकर आंदोलन भी कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने आज तक आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं किया। हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा दिलाने के लिए सिरमौर में लगातार आंदोलन चल रहा है। अभी तक केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया। हाटी समुदाय के चल रहे आंदोलन को देखकर प्रदेश के मुख्यमंत्री और चारों संसदीय क्षेत्र के सांसद दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले। लेकिन केंद्र सरकार में भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। जनजातीय का दर्जा ने मिलने से क्षेत्र के हाटी समुदाय के लोगों में सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है। आम आदमी पार्टी की बदलाव यात्रा के दौरान हुए जनसंवाद में लोगों ने स्थानीय मुद्दों को सामने रखा। जिसमें पांवटा साहिब की सीमाएं उत्तराखंड और हरियाणा से मिलती हैं, जिससे यमुना नदी सहित अन्य छोटी नदियों में अवैध खनन बहुत हो रहा है।

सरकार के अधिकारी क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को रोकने में पूरी तरह नाकाम हैं। जनसंवाद के दौरान लोगों ने बताया कि क्षेत्र में पीने के पानी और सिचाई की पानी की गंभीर समस्या है। योजनाएं लंबे समय से बन रहीं हैं। मगर अभी तक पूरी नहीं हो सकी। जिसके चलते शहर के लोगों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को न तो पीने का पानी मिल रहा है और न ही किसानों को सिचाई के लिए पानी मिल रहा है। पांवटा में सिविल अस्पाताल है और यहां पर 700 के करीब ओपीडी होती है। लेकिन डॉक्टरों की कमी हमेशा रहती है। अस्पताल में ट्रामा सेंटर बनाने की मांग लंबे समय से हो रही है। अभी तक ट्रामा सेंटर नहीं बना है। इस तरह क्षेत्र के लोग समस्याओं से परेशान हैं। लंबे समय से लोग अपनी समस्याओं का समाधान के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार वादे तो करती है, समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है।


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