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रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल ने बढ़ाया मर्ज

Doctors strike tanda medical college,तीन महीने का स्टाइपेंड नहीं मिलने पर मंगलवार को रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन टांडा ने आंदोलन को उग्र कर दिया है।

By Edited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 08:23 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 10:23 AM (IST)
रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल ने बढ़ाया मर्ज
रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल ने बढ़ाया मर्ज

जेएनएन, कांगड़ा। तीन माह का स्टाइपेंड न मिलने पर मंगलवार को रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन टांडा ने आंदोलन उग्र कर दिया है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुबह 9.30 से लेकर 11.00 बजे तक कलम बंद हड़ताल शुरू की। इस कारण अस्पताल में डेढ़ घंटा ओपीडी व ऑपरेशन थियेटर बंद रहने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

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इस दौरान रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के ढाई सौ से अधिक सदस्यों ने मेडिकल कॉलेज परिसर में मार्चपास्ट कर रोष व्यक्त किया। हालांकि निर्णय के अनुसार चिकित्सकों ने स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया और आपातकालीन सेवाओं को डॉक्टरों के सलाहकारों ने संभाला, लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं कहीं न कहीं प्रभावित रही। बुधवार को रेजिडेंट डॉक्टरों ने कलम बंद हड़ताल के दौरान लोगों की सुविधा के लिए जागरूकता शिविर लगाने का फैसला लिया है। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अमित राणा व महासचिव डॉ. अभिनव राणा ने बताया कि डेढ़ घंटे की कलम बंद हड़ताल के दौरान लोगों को स्वाइन फ्लू से बचने के उपाय बताए जाएंगे। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं के दौरान किस प्रकार घायल को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती है उसकी जानकारी भी दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि किन्ही कारणों से किसी व्यक्ति के अचानक बेहोश होने पर बनावटी सांस देने की प्रक्रिया भी बताई जाएगी। इस दौरान डॉक्टरों की तरफ से अस्पताल में टी स्टाल भी लगाया जाएगा और बैंक गारंटी के लिए अनुदान इकट्ठा किया जाएगा। फंडज फॉर बैंक गारंटी के लिए रखेंगे अनुदान हड़ताल के दौरान फंडज फॉर बैंक गारंटी लिखा एक अनुदान बॉक्स रखा जाएगा। इस दौरान मरीजों एवं तीमारदारों को चाय पिलाकर बैंक गारंटी के लिए फंड इकट्ठा करने का अनुरोध किया जाएगा।

क्या कहते हैं पदाधिकारी

आरडीए के अध्यक्ष व महासचिव ने बताया कि पिछले तीन माह से रेजिडेंट डॉक्टरों के स्टाइपेंड का भुगतान नहीं किया गया है, जबकि आइजीएमसी शिमला के डॉक्टरों को भुगतान कर दिया है। सरकार की इस भेदभाव नीति से रुष्ट रेजिडेंट डॉक्टरों ने तीन माह से लंबित वजीफे एवं वेतन के तत्काल बहाली की मांग की है। उन्होंने बताया कि आरडीए ने प्रधानाचार्य डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग हिमाचल प्रदेश को बार-बार अनुरोध व अनुस्मारक के बावजूद वजीफा व वेतन जारी नहीं किया गया है। आरडीए ने स्वास्थ्य विभाग को आगाह करते हुए कहा है कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 15 फरवरी के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे व शुक्रवार को एक दिन के लिए सामूहिक अवकाश पर जाएंगे।


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